अरशद मदनी पर शहजाद पूनावाला का पलटवार

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नई दिल्ली, संवाददाता : जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रेसिडेंट मौलाना अरशद मदनी के बयान पर BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत बुरी बात है कि वोट बैंक की पॉलिटिक्स के नाम पर, एक बार फिर तुष्टिकरण का गाना गाने वाले एक्टिव हो गए हैं। ये देश को बांटने वाली पॉलिटिक्स के नाम पर आतंकवाद को कवर फायर देने में यकीन रखते हैं। उन्होंने कहा कि आतंक के सपोर्टर्स और हमदर्दों की यह जमात फिर से सामने आ रही है।

शहजाद पूनावाला ने कहा कि इंडिया में तो APJ अब्दुल कलाम जैसे प्रेसिडेंट भी मुस्लिम कम्युनिटी से थे। क्या अरशद मदनी यह भूल गए हैं? लेकिन जब से ये आतंकवादी दिल्ली ब्लास्ट और दूसरी जगहों पर पकड़े गए हैं, जो लोग कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, वे आतंकवादियों को कवर फायर देने के लिए धर्म को ही एकमात्र बहाना बना रहे हैं।

अरशद मदनी इसका हिस्सा हैं

शहजाद पूनावाला ने कहा कि सोचिए कि सिर्फ अरशद मदनी ही नहीं, बल्कि उनके पूरे टेरर इकोसिस्टम के स्पिन डॉक्टर्स, चाहे वह चिदंबरम हों, महबूबा मुफ्ती, इल्तजा मुफ्ती, अबू आज़मी हों या हुसैन दलवई. वे सब सामने आकर कह रहे हैं कि या तो नाइंसाफी हुई. या तो ये लोग बेकसूर हैं, या फिर ये लोग कहते हैं कि हालात की वजह से ये लोग टेररिज्म कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि हर बार जब टेररिस्ट पकड़े जाते हैं तो टेरर इकोसिस्टम का एक पूरा स्पिन डॉक्टर एक्टिवेट हो जाता है. यह बदकिस्मती की बात है कि अरशद मदनी भी इसका हिस्सा हैं।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रेसिडेंट मौलाना अरशद मदनी ने आरोप लगाया है कि ममदानी जैसा मुसलमान न्यूयॉर्क का मेयर बन सकता है और खान लंदन का मेयर बन सकता है, लेकिन भारत में कोई मुसलमान यूनिवर्सिटी का वाइस-चांसलर भी नहीं बन सकता. मदनी ने भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव पर गहरी चिंता जताई थी। मदनी ने कहा था कि आजम खान जैसे नेताओं को जेल में डालना और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ सरकार की कार्रवाई जैसे उदाहरण दिए, जब उसके कुछ डॉक्टरों का नाम दिल्ली आतंकी हमले से जुड़ा था।

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