लखनऊ , संवाददाता : बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके पांच करीबियों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आरोप पत्र में एटीएस ने छांगुर के साथ नीतू उर्फ नसरीन, रशीद, सबरोज, शहाबुद्दीन और सीजेएम कोर्ट के पेशकार राजेश उपाध्याय को अवैध धर्मांतरण, आपराधिक साजिश रचने, एससी एसटी एक्ट, विदेशी फंडिंग जुटाने, अवैध तरीके से संपत्तियों की खरीद-फरोख्त करने आदि का दोषी ठहराया है।
एटीएस ने दो दिन पहले राजधानी स्थित एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है, हालांकि अदालत द्वारा अभी तक इसका संज्ञान नहीं लिया गया है। एटीएस अवैध धर्मांतरण के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जो अभी जेल में हैं।
एटीएस ने इस मामले की जांच के दौरान छांगुर के करीबी नवीन और उसकी पत्नी नीतू के दुबई के बैंक खातों से रकम मंगाकर बलरामपुर और आसपास तमाम संपत्तियां खरीदने का खुलासा किया था। जांच में सामने आया था कि छांगुर इस्लामिक गतिविधियों का प्रचार प्रसार करने के लिए बड़े पैमाने पर हिंदू और सिख समुदाय के लोगों का अवैध तरीके से धर्मांतरण कराता था। उसका उद्देश्य एक बड़ी इमारत बनाकर उसमें आतंकी ट्रेनिंग सेंटर बनाना था।
शरिया कानून लागू करना चाहते थे
जांच में सामने आया कि छांगुर और उसके करीबी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त कर शरिया कानून लागू करना चाहते थे। वह लोगों को बहला-फुसला कर धर्मांतरण कराते थे, जिसके लिए लाखों रुपये भी देते थे।
उन्होंने बलरामपुर और अन्य जगहों पर करीब 100 करोड़ रुपये कीमत की संपत्तियां भी जुटा ली थी। खासकर हिंदू और सिख समुदाय की लड़कियों का धर्मांतरण कराया जाता था। वहीं राजेश उपाध्याय संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में मदद करता था।