HC: Azam Khan के मामले में ट्रायल कोर्ट के अंतिम फैसले पर रोक बढ़ी

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संवाददाता, प्रयागराज : रामपुर के कोतवाली थाने में 2016 में यतीमखाना को ढहाने के मामले में 2019 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। आजम खां और अन्य पर जबरन बेदखली, डकैती, गृह में अनधिकृत प्रवेश और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता आजम खां पर 2016 में बलपूर्वक बेदखली मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रहे मुकदमे के अंतिम फैसले पर लगी रोक 28 अगस्त तक बढ़ा दी है। साथ ही संशोधन अर्जी स्वीकार करते हुए याचिका से मुकदमा रद्द करने की प्रार्थना को हटा दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने दिया है।

ट्रायल कोर्ट में याचियों ने मांग की थी कि मुख्य गवाहों, विशेष रूप से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी की दोबारा गवाही कराई जाए। साथ ही महत्वपूर्ण वीडियो फुटेज को रिकॉर्ड में लाया जाए जो उनकी घटनास्थल पर अनुपस्थिति साबित कर सकता है। ट्रायल कोर्ट ने इस मांग को 30 मई 2025 के आदेश से खारिज कर दी थी। इसे आजम खां ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। आजम खां की याचिका को सह-आरोपियों की लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया गया है। इस मामले में अब 28 अगस्त को सुनवाई होगी।

रामपुर में 2019 में आजम खां पर दर्ज हुआ था मुकदमा
रामपुर के कोतवाली थाने में 2016 में यतीमखाना को ढहाने के मामले में 2019 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। आजम खां और अन्य पर जबरन बेदखली, डकैती, गृह में अनधिकृत प्रवेश और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। एमपी/एमएलए कोर्ट में यह मुकदमा चल रहा है।

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