बाबा बागेश्वर की हिंदू एकता पदयात्रा आज से

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छतरपुर ,संवाददाता : बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में 7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक सनातन हिंदू एकता पदयात्रा निकलेगी। यात्रा में संत, राजनेता और मुस्लिम समाज के लोग शामिल होंगे। यात्रा का उद्देश्य हिंदू एकता, सामाजिक समरसता और धार्मिक सद्भाव का संदेश देना है।

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में इंद्रप्रस्थ यानि दिल्ली से वृंदावन तक 10 दिनी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुक्रवार सुबह नौ बजे रवाना होगी। साधु संतों द्वारा सौंपे गए धर्म ध्वज को आगे रखकर शुरू होने वाली इस पदयात्रा की शुरुआत से पूर्व देशभर से दिल्ली पहुंचने वाले महामंडलेश्वरों, आचार्यों के आशीर्वचनों की वर्षा के बाद राष्ट्रगान, हनुमान चालीसा का पाठ और हिंदू एकता की शपथ के कार्यक्रम होंगे। 


हिंदुत्व के समर्थकों से यात्रा में शामिल होने का आह्वान
बागेश्वर महाराज ने कहा कि जो भी हिंदुत्ववादी विचारधारा का है, वह यात्रा में साथ चले, क्योंकि यह यात्रा किसी एक व्यक्ति की नहीं है सभी हिंदुओं की है। उन्होंने देश विदेश में रहने वाले हिंदुओं का आह्वान करते हुए कहा कि 7 नवंबर से 16 नवंबर तक की यात्रा में कम से कम एक दिन के लिए वे अवश्य आएं। महाराज श्री ने कहा कि वे विवाद नहीं संवाद के माध्यम से आगे बढ़ना चाहते हैं। 

इन संतों, राजनेताओं की रहेगी उपस्थिति


पदयात्रा में दीदी मां ऋतंभरा, चिदानंद मुनि जी ऋषिकेश, स्वामी ज्ञानानंद महाराज गीता मनीषी, रमणरेती वाले महाराज, प्रख्यात कथा वाचक सुधांशु जी महाराज, बालक योगेश्वर दास महाराज बद्रीनाथ, माधव दास महाराज मौनी बाबा, राजू दास महाराज हनुमान गढ़ी, मृदुल कांत शास्त्री वृंदावन, आरके पांडे जी बलदेव मंदिर, अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पं. संजीव कृष्ण ठाकुर, तन्मय वशिष्ठ गंगासभा तीर्थ पुरोहित, दिल्ली संत मंडल महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी, मंत्री कपिल मिश्रा सहित दिल्ली से 50 संत महात्माओं की गरिमामय उपस्थिति रहेगी । 

मुस्लिम समाज के लोग भी शामिल होंगे 
बागेश्वर महाराज ने कहा कि यह पहला अवसर है जब उनकी यात्रा का समर्थन इस्लाम धर्म के लोगों ने किया है। फैज खान के नेतृत्व में 300 से अधिक मुस्लिम समाज के लोग यात्रा में चलेंगे। विगत दिनों दिल्ली में मुस्लिम समाज के लोगों के साथ महाराज श्री ने बैठक की थी। इसमें समाज के सभी लोगों ने महाराज श्री की यात्रा का समर्थन करते हुए साथ चलने का भरोसा दिया था। मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के माध्यम से लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है इसलिए वे यात्रा में साथ चलेंगे।

यात्रा में मर्यादित रहकर चलें यात्री, किसी पर न करें टिप्पणी 

पं. शास्त्री ने सभी पदयात्रियों से आग्रह किया है कि वह यात्रा में मर्यादा के साथ शामिल हों। किसी जाति, पंथ, संप्रदाय विशेष पर कोई टिप्पणी न की जाए। अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग पूरी तरह से वर्जित रहेगा, शांति के साथ यात्रा में चले, भगदड़ न मचाएं। प्रशासन से भी आग्रह किया गया है की विशेष स्थान पर विशेष सुरक्षा की जाए। अन्य धर्मावलंबियों के आस्था के केंद्रों की विशेष सुरक्षा हो ताकि कोई साजिश न कर सके।

तीन राज्यों  से गुजरेगी यात्रा, पांच करोड़ लोगों तक पहुंचाएगी संदेश
बागेश्वर महाराज ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की 422 ग्राम पंचायतों के अलावा नगरों, कस्बों सहित करीब 5 करोड़ की आबादी तक यात्रा का संदेश पहुंचाने का प्रयास होगा। महाराज श्री ने कहा कि जहां महिलाएं विश्राम करेंगी वहां सीसीटीवी कैमरा से निगरानी रखी जाएगी, उनके लिए अलग व्यवस्था की गई है, निजता का विशेष ध्यान रखा जाएगा। 

ये हैं संकल्प 

  • यमुना माता का शुद्धिकरण हो
  • भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो।
  • गौ माता राष्ट्र माता घोषित हो। 
  • श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर भव्य और दिव्य बने।
  • ब्रज परिक्षेत्र को पूर्व का स्वरूप प्राप्त हो, क्षेत्र में मास मदिरा प्रतिबंधित हो।
  • अवैध धर्मांतरण एवं लव जिहाद  पर लगाम लगे।
  • जात-पात, ऊंच नीच का भेदभाव खत्म होकर सामाजिक समरसता हो।

यह यात्रा नहीं वैचारिक क्रांति : पं. शास्त्री
जिस सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का लंबे समय से इंतजार था वह घड़ी आज आ गई है। शुक्रवार सुबह कात्यायनी माता मंदिर से यात्रा श्रीधाम वृंदावन के लिए निकलेगी। गुरुवार दोपहर में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिल्ली के सभी मीडिया साथियों से कांस्टीट्यूशनल नई दिल्ली में संवाद करते हुए कहा कि यह यात्रा नहीं बल्कि विचारों को जगाने के लिए एक वैचारिक क्रांति है जिसमें सबकी भागीदारी होनी चाहिए। महाराज श्री ने पत्रकारों को बताया कि शुक्रवार को सुबह नौ बजे मंचीय कार्यक्रम होने के बाद साधु संतों द्वारा सौंपे गए धर्म ध्वज को आगे रखकर पदयात्रा वृंदावन के लिए निकल पड़ेगी। श्री राम नाम संकीर्तन पद यात्रियों की ऊर्जा बढ़ाएगी।

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