गोरखपुर, संवाददाता : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से आवेदन के 48 दिन बाद भी डिग्री नहीं मिली। तंग आकर भाई ने अर्धनग्न होकर प्रशासनिक भवन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे युवक की बहन ने बिहार में शिक्षक भर्ती में आवेदन की है। युवक ने पहले रिकार्ड रूम में धरने पर बैठा। सोमवार को प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के आने की जानकारी होने पर वह कमेटी हाल पहुंच गया। इसे देख विवि प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन उसे परीक्षा सामान्य विभाग में ले जाकर अधिकारी मनुहार करने लगे। मुख्य नियंता के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त किया। देर शाम को उसे डिग्री मुहैया करा दी गई।
बहन की डिग्री के लिए 48 दिन से लगा रहा था चक्कर
बेलघाट के बड़हा निवासी शांतनु यादव की बहन सरिता ने पंडित हरिसहाय पीजी कॉलेज से वर्ष 2010 में स्नातक की पढ़ाई किया है। बिहार प्रांत में निकले शिक्षक भर्ती में उसने आवेदन कर रखा है। उसने डिग्री के लिए एक नवंबर को आवेदन किया। बहन की डिग्री के लिए तभी से शांतनु प्रशासनिक भवन का चक्कर लगा रहे थें। वह डिग्री के लिए परीक्षा नियंत्रक, मुख्य नियंता समेत अन्य जिम्मेदारों से मिलकर गुहार लगा चुके थे। आवेदन के 48 दिन बाद सोमवार डिग्री देने के लिए बुलाया था। वह प्रशासनिक भवन में बाबू काशीनाथ के पास पहुंचे।
काशीनाथ ने डिग्री अभी नही देने की बात कही। इसके बाद उसका सब्र टूट गया। वह रिकार्ड रूम में अर्धनग्न हो धरने पर बैठ गया। इसी बीच प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल के प्रशासनिक भवन के कमेटी हाल में बैठक लेने की जानकारी मिली। इस पर शांतनु कमेटी हाल में पास पहुंच गया। उसके कमेटी हाल पहुंचने के बाद विवि प्रशासन का हाथ पांव फूल गया। उसे सामान्य परीक्षा अनुभाग में ले जाकर सहायक कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक ने मनुहार किया। हंगामा की सूचना पर मुख्य नियंता प्रो. सतीश चंद्र पांडेय पहुंचे और जल्द डिग्री दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद उसने प्रदर्शन बंद किया।
आनन-फानन उपलब्ध कराई डिग्री
पिछले 48 दिन से पीड़ित शांतनु बहन की डिग्री के लिए प्रशासनिक भवन का चक्कर लगा रहा था। कर्मचारियों की हरकत से तंग आकर शांतनु सोमवार को अर्धनग्न धरना पर बैठ गया। इसके बाद जो बाबू अभी डिग्री नहीं देने की बात कह रहा था, उसी ने चंद घंटों में डिग्री मुहैया करवा दी। इसको लेकर भी चर्चा होती रही। डिग्री होने के बाद भी बाबू द्वारा न देने के पीछे कुछ लोग सुविधा शुल्क नहीं देने की बात कह रहे थे।
कोई पांच तो कोई चार माह से लगा रहा दौड़
परीक्षा सामान्य अनुभाग में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रहे शांतनु को समझाने सहायक कुल सचिव और परीक्षा नियंत्रक पहुंचे। दोनों जिम्मेदारों को वहां डिग्री लेने पहुंचे लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। कुशीनगर के विनायक प्रताप सिंह ने बताया कि वह बीएड और एमए की डिग्री के लिए 20 सितंबर को आवेदन किया था लेकिन अबतक डिग्री नहीं मिली। वहीं, देवरिया से आए रविंद्र ने बताया कि वह अपनी पत्नी की डिग्री के लिए पांच माह पहले आवेदन किए थे लेकिन डिग्री नहीं मिली। इस पर परीक्षा नियंत्रक ने सभी की रसीद लेकर संबंधित बाबू को शाम तक डिग्री उपलब्ध करा देने का निर्देश दिया।