वाराणसी, संवाददाता : बनास काशी संकुल (अमूल प्लांट) करखियाव में नवंबर के अंत तक प्लांट तैयार होगा। प्लांट में कई प्रोसेसिंग मशीनें लग चुकी हैं। पहले दूध, दही और छाछ तैयार होगा। वाराणसी समेत पूर्वांचल के लगभग एक लाख पशुपालकों को इससे लाभ होगा।
बनास डेयरी अगले माह बनारस में एक और दूध अवशीतन (कलेक्शन) सेंटर खोलेगा। चोलापुर ब्लॉक के रजवारी में बन रहे इस केंद्र से चार जिलों के 500 किसानों को लाभ मिलेगा। 2 करोड़ की लागत से बन रहे केंद्र की क्षमता एक लाख लीटर दूध क्लेक्शन की होगी। करीब तीन सौ समितियां के जरिये किसानों से दूध लिए जाएंगे। नवंबर तक इसे पूरा करने की उम्मीद है।
बनास डेयरी का आराजीलाइन ब्लॉक के खुशीपुर में मिल्क चिलिंग सेंटर (एमसीसी) है। अब रजवारी में भी इसे लगाया जा रहा है। यहां अभी बल्क मिल्क चिलिंग सेंटर (बीएमसी) चल रहा है। बनास डेयरी के प्रदेश प्रभारी दिनेश भाई चौधरी ने बताया कि फिलहाल 10 हजार लीटर दूध का क्लेक्शन हो रहा है। एमसीसी बनने से चोलापुर, चिरईगांव, हरहुआ व पिंडरा ब्लॉक के अलावा गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर जिले के भी कुछ ब्लॉकों के गांव के किसानों से दूध लिया जाएगा।
प्रोसेसिंग केंद्र में बनेंगे दूध के विविध उत्पाद
बनास काशी संकुल (अमूल प्लांट) करखियाव में नवंबर के अंत तक प्लांट तैयार होगा। प्लांट में कई प्रोसेसिंग मशीनें लग चुकी हैं। पहले दूध, दही और छाछ तैयार होगा। वाराणसी समेत पूर्वांचल के लगभग एक लाख पशुपालकों को इससे लाभ होगा। दिनेश ने बताया कि वाराणसी-जौनपुर मार्ग पर करीब 31 एकड़ में 475 करोड़ की लागत से प्लांट बन रहा है। यहां पूर्वांचल भर के जिलों से पांच लाख लीटर पैकेट बंद दूध के उत्पादन का लक्ष्य है। इससे डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
90 हजार लीटर दूध होता है एकत्रित
बनास डेयरी की ओर से अभी 90 हजार दूध एकत्रित कर अवशीतन किया जाता है। इससे करीब 15 हजार किसान जुड़े हैं। दिनेश भाई चौधरी ने बताया कि बनारस के अलावा चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, जौनपुर सहित अन्य जिलों में दूध कलेक्शन प्वाइंट स्थापित किए जाएंगे। पूर्वांचल के सभी जिलों से दूध बनारस प्रोसेसिंग प्लांट लाए जांएगे।