ढाका, एजेंसी : बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश में पिछले महीने हुई हिंसा को आतंकी हमला करार दिया। पांच अगस्त को पद छोड़ने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए हसीना ने मंगलवार को बयान में कहा, ‘क्रांति के नाम पर’ कई लोग मारे गए। ‘आतंकी कृत्यों’, हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की पहचान की जाए। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। मुझे न्याय चाहिए।
शेख हसीना के बयान को उनके उनके बेटे साजीब वाजेद जाय ने मंगलवार को एक्स पर जारी किया। पिछले महीने हुए हिंसक संघर्षों के दौरान एक किराना दुकान मालिक की हत्या को लेकर हसीना पर मामला दर्ज किए जाने के कुछ घंटों बाद यह बयान आया है।
भारत में हैं शेख हसीना
गौरतलब है कि कई हफ्तों तक विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया और भारत चली आईं। हिंसा में करीब करीब 300 लोग मारे गए। हसीना के बेटे साजीब वाजेद जाय द्वारा एक्स हैंडल पर बंगाली में पोस्ट किए बयान में हसीना ने कहा कि जुलाई से हिंसा और अराजकता में कई छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, उनकी अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं और आम लोगों की जान चली गई।
15 अगस्त, 1975 को अपने परिवार के सदस्यों की हत्या को याद करते हुए हसीना ने कहा, मैं अपने जैसे उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखती हूं जो अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं इन हत्याओं और आतंकी कृत्यों में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए उचित जांच और उन्हें सजा देने की मांग करती हूं।
हसीना ने कहा- 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाएं
हसीना ने हिंसा के दौरान बंगबंधु संग्रहालय को जलाए जाने पर कहा, स्मृति और प्रेरणा जलकर राख हो गई। यह किसी ऐसे व्यक्ति का अपमान था जिसके नेतृत्व में हम स्वतंत्र राष्ट्र बने। मैं देशवासियों से इस कृत्य के लिए न्याय की मांग करती हूं। मैं अपील करती हूं कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाएं।