बांग्लादेश में मुस्लिमों ने जबरन बंद कराया इस्कॉन का शिबचर केंद्र

ISKCON-BANGLADESH

नई दिल्ली, एजेंसी : इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद अब बांग्लादेश में इस्कॉन के शिबचर स्थित केंद्र को मुसलमानो ने जबरिया बंद करा दिया है। यही नहीं इस्कॉन के श्रद्धालुओं को सेना के जवान अपने ट्रक में बैठाकर ले गए।
इस्कॉन-कोलकाता के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पर लिखा, ‘बांग्लादेश में शिबचर स्थित इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को मुसलमानो ने जबरिया बंद कर दिया है। सेना आई और इस्कॉन श्रद्धालुओं को एक ट्रक में भरकर ले गई।’

इस्लामी समूह के नेताओं की इस्कॉन केंद्र शिवचर को बंद करने की मांग

इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी संलग्न किया जिसमें स्थानीय इस्लामी समूह के नेता शिवचर में इस्कॉन केंद्र को बंद कर रहे हैं। दास ने दावा किया कि वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि कुछ लोग इस अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था के संस्थापक की फोटो वाले इस्कॉन मंदिर के बोर्ड को हटाने में दिख रहे हैं।

इस बीच, ढाका में उच्चतम न्यायालय के वकील और अब बांग्लादेश के अटार्नी जनरल मुहम्मद असदुज्जमां ने बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस्कॉन को धार्मिक कट्टरपंथी संगठन करार दिया।

न्यायाधीश फराह महबूब और न्यायाधीश देबाशीष राय चौधरी की पीठ ने जब इस्कॉन और बांग्लादेश में उनकी गतिविधियों का ब्योरा मांगा तो असदुज्जमां बोले कि सरकार पहले से ही उनकी जांच कर रही है। मोनिरुद्दीन नामक वकील ने अदालत से बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने और हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी व जेल भेजने के बाद देशभर में हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद चिट्टागोंग में धारा-144 लगाने की मांग की।

चिन्मय बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता

चिन्मय बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता व इस्कॉन से जुड़े पुंडरीक धाम के प्रमुख हैं। असदुज्जमां ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा की मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए मंगलवार को 32 वर्षीय अधिवक्ता सैफुल इस्लाम की चिट्टागोंग की अदालत में हुई हत्या का भी उल्लेख किया। हाई कोर्ट ने असदुज्जमां से गुरुवार को इस प्रकरण में और जानकारी देने को कहा जिसमें इस्कॉन के पंजीकरण एवं उससे जुड़े लोगों का ब्योरा शामिल है।

सरकार उचित कानूनी कार्रवाई करेगी

साथ ही यह भी बताना है कि सरकार ने उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की है या नहीं। असदुज्जमां ने बाद में मीडिया को बताया कि सरकार घटना को गंभीरता से ले रही है और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, ‘यह संगठन पंजीकृत है या नहीं, इस संगठन को प्रतिबंधित किया जाएगा या नहीं, क्या कदम उठाए जाएंगे.. ये सब सरकार के नीतिगत फैसले हैं। सरकार विचार करेगी और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।’

‘इस्कॉन एक शांतिपूर्ण संगठन’
बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रांड अलायंस के महासचिव मृत्युंजय कुमार राय ने देश में इस्कॉन पर प्रतिबंध की मांग की तीखी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह हिन्दू संगठन प्रकृति से शांतिपूर्ण है, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीकृष्ण की बात करता है और गरीबों के कल्याण के लिए कार्य करता है।

इससे पूर्व इस्कॉन ने सरकार से सनातनी समुदाय के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने का आग्रह किया तीन मांगें रखीं। इनमें सनातनी समुदाय पर हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करना और उन्हें जवाबदेह ठहराना, चिन्मय कृष्ण दास व अन्य सनातनियों के नागरिक अधिकारों की रक्षा करना और देश में सभी समुदायों के बीच शांति व सद्भाव बनाए रखेगी ।

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World