जिनेवा, रॉयटर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विदेशी उत्पादों पर लगाए टैरिफ और उसके जवाब में चीन और अन्य देशों के लगाए जवाबी टैरिफ के विकासशील देशों के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे।
ट्रेड वार के होंगे दुष्परिणाम
यह बात संयुक्त राष्ट्र की ट्रेड एजेंसी की निदेशक पामेला कोक हैमिल्टन ने बोली है। पामेला कोक हैमिल्टन बोली कि इस ट्रेड वार के दुष्परिणाम अमेरिका द्वारा विकासशील देशों की आर्थिक सहायता खत्म करने से ज्यादा भयावह हो सकते हैं।
इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर की निदेशक ने कहा, इस ट्रेड वार से विश्व व्यापार तीन से सात प्रतिशत तक कम हो सकता है और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद 0.7 प्रतिशत तक कम हो सकता है। यह स्थिति विकासशील देशो के लिए घातक होगी।
ट्रेड वार से होने वाला नुकसान आशंका बहुत बड़ा
पामेला ने कहा, ट्रेड वार से होने वाला नुकसान आशंका से अधिक और बहुत बड़ा होगा। कहा, चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ की लड़ाई खिंचने से दोनों का 80 प्रतिशत व्यापार कम हो सकता है। इसका असर पूरे विश्व पर पड़ सकता है और उसके दुष्परिणाम भयावह होंगे।
अमेरिका ने टैरिफ प्लान से 90 दिनों की छूट दे दी
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह घोषित टैरिफ प्लान से ज्यादातर देशों को 90 दिनों की छूट दे दी है लेकिन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है।
शुक्रवार को चीन ने भी जवाब में अमेरिका से होने वाले आयात पर 125 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया। दोनों शीर्ष अर्थव्यवस्था वाले देशों की इस लड़ाई से वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था के प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है।
बांग्लादेश को होगा भारी नुकसान
अमेरिका को वस्त्र निर्यात करने वाले बांग्लादेश पर यदि 37 प्रतिशत टैरिफ लागू होता है तो उसे वार्षिक 3.3 अरब डॉलर प्रतिवर्ष का नुकसान हो सकता है। यह धनराशि बांग्लादेश जैसे देश के लिए बहुत बड़ी होगी। जबकि लेसोथो, कंबोडिया, लाओस, मेडागास्कर और म्यांमार जैसे देशों को अमेरिका से होने वाला व्यापार बंद करना पड़ेगा।