बरेली,संवाददाता : बरेली में बीते 4 दिन हुई भारी बारिश और बैराज से रामगंगा नदी में 1.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच रहा है। तटवर्ती इलाकों में जलभराव की स्थिति है। बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों को चेतावनी जारी कर नदी से दूर रहने के लिए कहा गया है।
बीते 4 दिन से हो रही बारिश से अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बरेली में रामगंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नदी उफना गई है। जलस्तर बढ़ने से फरीदपुर क्षेत्र में पुल का संपर्क मार्ग बह गया। बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों को चेतावनी जारी कर नदी से दूर रहने के लिए कहा गया है।
बाढ़ खंड के एक्सईएन राजेंद्र कुमार के मुताबिक पिछले चार दिन में बरेली में 91 मिमी, मुरादाबाद में 225 मिमी बारिश हुई है। नदियों में जलप्रवाह बढ़ने से 48 घंटे के भीतर गोला बैराज से 22 हजार और कोसी से 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कटघर मुरादाबाद का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे बरेली के चौबारी घाट पर रामगंगा नदी का जल स्तर दो मीटर गेज बढ़ गया है।
मुरादाबाद में जलप्रवाह नियंत्रित नहीं हो सका है। सोमवार शाम को रामगंगा नदी का जलस्तर 159.3 मीटर गेज था जो मंगलवार शाम चार बजे तक 161 मीटर गेज दर्ज हुआ। 162.07 मीटर गेज पर जलप्रवाह होने से अलर्ट और 163.07 मीटर गेज पर खतरा रहेगा।
अभी और बढ़ेगा जलस्तर
बाढ़ खंड की रिपोर्ट के मुताबिक रामगंगा का जलस्तर अभी थमने वाला नहीं है। बारिश न हुई तो भी अगले तीन दिनों तक जलस्तर बढ़ने की आशंका है, क्योंकि मुरादाबाद में हुई भारी बारिश और बैराज से छोड़ा गया पानी भी बरेली की सीमा में पहुंचेगा। इसमें दो दिन लग सकते हैं। अभी रामगंगा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है।
बाढ़ चौकियां सक्रिय, तटबंधों की निगरानी
एक्सईएन के मुताबिक रामगंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तहसील बहेड़ी, मीरगंज, सदर, आंवला और फरीदपुर के किनारे स्थित गांवों में बनी बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। तटबंधों की निगरानी की जा रही है। किसी तरह जन-धन हानि होने पर तत्काल मदद मुहैया कराई जाएगी।
जलस्तर बढ़ने से पुल का संपर्क मार्ग बहा
फरीदपुर क्षेत्र में रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद खल्लपुर गांव में बने पुल का संपर्क मार्ग बह गया। यह पुल बदायूं के दातागंज को फरीदपुर से जोड़ता है। मार्ग बहने से यातायात बंद हो गया। इससे आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
इस पुल का निर्माण कई साल पहले हुआ था। पुल बनने के बाद भी एप्रोच मार्ग को पक्का नहीं किया गया। कच्चे रास्ते से ही लोग आवागमन करते थे। नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद मंगलवार को पुल के एक ओर का मार्ग बह गया। ग्रामीणों ने कहा कि कई बार पक्की सड़क बनवाने की मांग की गई, मगर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने एप्रोच मार्ग का जल्द निर्माण कराने की मांग की है।