दंतेवाड़ा,संवाददाता : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पिछले बीस दिनों से बारिश थम गई है। बारिश के रुक जाने से अब किसान भी चिंतित हो गए हैं। इस साल जुलाई में ही बरसात हुई, उसके बाद अगस्त के महीने में बरसात न के बराबर हुई है। इससे खेतों में अब दरारें पड़ गई हैं।
दस दिन बारिश नहीं हुई तो फसल बर्बाद हो जाएगी। बरसात हो इसके लिए जिले भर में किसान अब पूजा अनुष्ठान में लगे हुए हैं। कुछ दिन पूर्व दंतेश्वरी मंदिर में भी हवन पूजन किया गया था। अब कुआकोंडा क्षेत्र के लोग बारिश के लिए अपने आराध्य भीमसेन को मनाने मंगलवार को उदेला के पहाड़ पर पहुंचे।
कुआकोंडा क्षेत्र के 84 गांव के साथ -साथ दंतेवाड़ा, कटेकल्याण क्षेत्र के भी कई गांव के लोग भीमसेन को मनाने उदेला पहुंचे थे। 70 से 80 किलोमीटर दूर बुरगुम, पोटाली, निलावाया, रेवाली, अरनपुर, समेली, पालनार सहित गोंगपाल मैलेवाड़ा जैसे 84 गांवों से लोग बलि देने के लिए मुर्गा, बकरा लेकर उदेला के पहाड़ो में पहुंचे।
उदेला के पहाड़ों में करीब पांच फीट का पत्थर है, जिसे ग्रामीण भीमसेन भगवान स्वरूप पूजते हैं। इस पत्थर को पहले मटके में पानी लाकर नहलाया जाता है। कीचड़ का लेप भी किया जाता है। ये कार्य सिर्फ पुजारी, गायता करते हैं। घंटो तक देव् विग्रह भीमसेन के सामने नृत्य करते है। फिर बलि दी जाती है। क्षेत्र के लोग भीमसेन को मनाने पारंपरिक ढ़ोल-बाजे के साथ पहुंचते हैं।
मंगलवार को सुबह से ही ग्रामीणों की भीड़ उदेला पहुंचने लगती है। यंहा पहले पटेल के घर पर सारे लोग एकत्र होते हैं फिर जिस क्षेत्र में भीमसेन भगवान मौजूद हैं उस गांव के मांझी, पुजारी पहुंच कर पूजा अनुष्ठान की अनुमति देते हैं। जिसके बाद ही भीमसेन की पूजा होती है। आदिवासियों के भीमसेन मोलसनार क्षेत्र में है।
