अयोध्या, संवाददाता : Ram Navami 2025 : भगवान सूर्य ने बालक राम के ललाट पर तिलक किया। इस अवसर पर पूरी रामनगरी श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हो उठी। रामलला की एक झलक पाकर भक्तों ने खुद को धन्य माना।
रामनगरी में चहुंओर आराध्य के जन्मोत्सव की खुशी है। उत्सव मनाने के लिए अयोध्यावासी ही नहीं अपितु सकल प्रदेश और देशवासी उत्सुक रहे। रविवार को सुबह से राम मंदिर परिसर में विविध कार्यक्रम शुरू हो गए। दोपहर में ठीक 12 बजे भगवान सूर्य ने रामलला के ललाट पर तिलक किया।
साक्षी बनने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे रामनगरी
इस मौके का साक्षी बनने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु रामनगरी पहुंचे। आने वाले भक्तों पर ड्रोन से सरयू के पवित्र जल की फुहारों से बारिश की गई। गली गली में भक्तों की कतारें दिखीं। इस दौरान पूरी नगरी श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान रही।
मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें गिरीं। यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में पहुंचीं। पाइप में लगे दर्पण से टकराकर किरणें 90 डिग्री कोण में बदल गईं।
लंबवत पीतल के पाइप में लगे तीन लेंसों से किरणें आगे बढ़ते हुए गर्भगृह में लगे दर्पण से टकराईं। यहां से 90 डिग्री का कोण बनाकर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया।
राम जन्मोत्सव पर रामलला ने रत्न जड़ित पीले वस्त्र और सोने का मुकुट धारण करके भक्तों को दर्शन दिए। दोपहर ठीक 12 बजे रामजन्म के साथ ही सूर्य की किरणों ने चार मिनट तक रामलला का ‘सूर्य तिलक’ किया। अध्यात्म व विज्ञान के इस अद्भुत संगम को हर कोई अपनी आंखों में बसाने को लालायित दिखा।
सुबह 3:30 बजे से मंदिर के कपाट खोल दिए गए। रामलला का शृंगार, राग-भोग, आरती व दर्शन का क्रम चलता रहा। बालक राम सहित उत्सव मूर्ति की मनमोहक छवि के दर्शनकर भक्त मंत्रमुग्ध होते रहे। भजन, स्तुति के बीच जैसे-जैसे घड़ी की सुइयां 12 बजे की ओर बढ़ीं। लोगों की आतुरता भी बढ़ती गई।
पुजारी ने मंदिर के कपाट खोले तो घंटा घड़ियाल बजने के साथ ही भक्तों ने भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी… छंद का गायन शुरू कर दिया। पूजन के साथ ही भगवान भास्कर ने रामलला का तिलक किया।
सूर्य तिलक और आरती के बाद दर्शन मिले तो भक्त उनकी भक्ति में पूरी तरह लीन हो गए। वह मंदिर परिसर में ही बैठकर उनकी आराधना में लीन दिखे।