अमेरिका और भारत BTA की तरफ बढ़ा रहे कदम

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नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : अमेरिका और भारत एक नए द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। इसी कड़ी में दोनों ने ट्रेड ऑफ रिफ्रेंस (TOR) पर की घोषणा की है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर ने इस बात की पुष्टि की है।

द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए ट्रेड ऑफ रिफ्रेंस का जिक्र करते हुए ग्रीर ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यूएसटीआर और भारत के वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय ने पारस्परिक व्यापार वार्ता (Reciprocal Trade Talk) के लिए रोडमैप बना लिया गया है।

व्यापार में बनेगा संतुलन

जेमीसन ग्रीर का कहना है कि भारत के साथ व्यापार संबंधों में पारस्परिकता का गंभीर अभाव है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की मदद से अमेरिकी वस्तुओं के लिए नए बाजार खुलेंगे और अमेरिकी श्रमिकों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। इससे दोनों देशों के व्यापार में संतुलन बनेगा ।

जेडी वेंस ने पीएम मोदी को सराहा
बता दें कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत आए हैं। सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि आज की शाम प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात सम्मान की बात है। वो महान नेता हैं और वो मेरे परिवार के प्रति अविश्वसनीय रूप से दयालु थे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में हम लोग दोनों देशों की दोस्ती को मजबूत करने के लिए कार्य करेंगे।

ग्रीर ने जताई खुशी

जेमीसन ग्रीर ने भी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बयान पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इससे भारत-अमेरिका समझौते से मजबूती प्रदान होगी । ट्रेड ऑफ रिफ्रेंस दोनों देशों के बीच वार्ता के लिए एक स्पष्ट रोडमैप प्रस्तुत करता है। फरवरी 2025 में पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे और ट्रंप से उनकी मुलाकात के बाद इस समझौते की शुरुआत हुई थी।
क्या है द्विपक्षीय व्यापार समझौता ?
द्विपक्षीय व्यापार समझौता दो देशों के बीच होने वाले आयात और निर्यात पर की जाने वाली एक प्रकार की डील होती है। इसमें तीसरी पार्टी की कोई जगह नहीं होती। इस समझौते का मकसद व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करना है, जिसके लिए दोनों देश टैरिफ, आयात कोटा, निर्यात प्रतिबंध और अन्य व्यापार बाधाओं को कम करने या खत्म करने पर जोर देते हैं।

नई व्यापार नीति से क्या होगा ?
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता ऐसे समय शुरू हुई, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर पारस्परिक शुल्क का एलान कर दिया। इसी कड़ी में भारत पर भी 2 अप्रैल 2025 से 26% का टैरिफ लगाया जाना था, लेकिन ट्रंप ने अपने फैसले को 90 दिनों के लिए टाल दिया।

5 अप्रैल से अमेरिका ने बेसलाइन टैरिफ के रूप में 10% अतिरिक्त शुल्क की घोषणा की। वहीं फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, तांबा और तेल, गैस, कोयला, एलएनजी जैसी ऊर्जा वस्तुओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।

भारत-अमेरिका का ट्रेड
यूएसटीआर भारत और अमेरिका के बीच मौजूद व्यापार असंतुलन (Trade Imbalance) को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। 2024 में भारत-अमेरिका ट्रेड में अमेरिका को 45.7 अरब डॉलर का व्यापारिक घाटा (Trade Deficit) हुआ था, जो 2023 की तुलना में 5.1% अधिक था। इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए नई द्विपक्षीय व्यापार नीति तैयार की जा रही है।

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