नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : PM Modi US Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को अपनी दो दिवसीय अमेरिकी यात्रा को पूरा कर लिया है। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ये पहला मौका था, जब पीएम मोदी ने अमेरिका की यात्रा की।
अपनी यात्रा के आखिरी दिन पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत की गई। व्यापार, ऊर्जा क्षेत्र, परमाणु रिएक्टरों समेत अन्य कई मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए। दोनों नेताओं की बैठक के बाद एक संयुक्त पीसी भी की गई।
बता दें कि भारत सरकार और वेस्टिंगहाउस आंध्र प्रदेश के कोव्वाडा में छह 1,000 मेगावाट के परमाणु रिएक्टर बनाने की परियोजना पर भी चर्चा कर रहे हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका द्वारा डिजाइन और रिएक्टर को भारत को देने और टेक्नॉलजी ट्रांसफर कर के भारत में रिएक्टर बनाने को लेकर भी बात कही है।
क्या बोले पीएम मोदी ?
संयुक्त ब्रीफिंग के दौरान पीएम मोदी और ट्रम्प ने परमाणु रिएक्टरों के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति अधिनियम (सीएलएनडीए) के लिए नागरिक दायित्व में संशोधन करने के लिए बजट 2025 की घोषणाओं का स्वागत किया।
इस बयान के अनुसार सीएलएनडीए के अनुसार द्विपक्षीय व्यवस्था स्थापित करने का भी फैसला किया, जो नागरिक दायित्व के मुद्दे को संबोधित करेगा और परमाणु रिएक्टरों के उत्पादन और तैनाती में भारतीय और अमेरिकी उद्योग के सहयोग को आसान बनाएगा।
अमेरिकी NSA ने भी की पीएम मोदी से बात
गुरुवार को अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज के साथ भी पीएम मोदी की मुलाकात हुई। दोनों की बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर जोर देते हुए औद्योगिक सहयोग और असैन्य परमाणु ऊर्जा पर चर्चा की।
भारतीय विदेश सचिव ने क्या कहा ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा समाप्त होने के बाद भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि असैन्य परमाणु ऊर्जा में संभावनाओं को साकार करने, भारत में अमेरिका द्वारा डिजाइन किए गए परमाणु रिएक्टरों का निर्माण करने तथा बड़े पैमाने पर स्थानीयकरण के साथ-साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ है।
विदेश सचिव ने कहा कि दोनों देश कुछ समय से छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों में सहयोग पर चर्चा कर रहे हैं और आज फिर से इस पर चर्चा की गई। पिछले वर्षों में भारत में मौजूद कुछ कानूनी प्रावधानों के कारण इस सहयोग को साकार करने में आने वाली बाधाओं को पहले ही दूर किया जाना शुरू हो गया है।
बजट में परमाणु ऊर्जा मिशन का एलान
गौरतलब है कि गत एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन’ का एलान किया था। ठीक इस एलान के बाद भारत और अमेरिका के बीच परमाणु के क्षेत्र को लेकर बात हुई है। अपने भाषण के दौरान निर्मला सीतारण ने कहा था कि 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का विकास “हमारे ऊर्जा संक्रमण प्रयासों के लिए आवश्यक है।