नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : नौ एयर बेस नष्ट हो जाने के पश्चात पाकिस्तान को अहसास हुआ कि भारत का इरादा कितना गंभीर है। भारत की सैन्य कार्रवाई से डरे पाकिस्तान ने इसके बाद ही संघर्ष खत्म करने और शांति बहाल करने की अपील किया ।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं थी। वास्तव में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन करके कहा कि भारतीय मिसाइलों से हमला किए जाने के बाद पाकिस्तानियों को संदेश मिल गया है। यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को कमजोर करती है कि अमेरिकी मध्यस्थता से शांति आई है।
भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं
अधिकारियों ने बोला कि वैसे भी ट्रंप अतिशयोक्ति के आदी हैं। अधिकारियों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच संघर्ष विराम को लेकर आपसी सहमति बनी और इसमें कोई तीसरा पक्ष सम्मिलित नहीं था।
भारत ने रडार ठिकानों और वायु रक्षा प्रणालियों से लेकर और पाकिस्तानी सेना के कमान सेंटरों तक आठ प्रमुख प्रतिष्ठानों पर सही हमले किए। जिससे इस्लामाबाद को नई दिल्ली से शत्रुता समाप्त करने का आग्रह करने पर मजबूर होना पड़ा।
पाकिस्तान ने 26 जगहों पर हमले करने का प्रयास किया
9 और 10 मई की रात को उधमपुर, पठानकोट और आदमपुर में वायु सेना स्टेशनों सहित 26 भारतीय ठिकानों पर पाकिस्तानी हमला करने का प्रयास किया जिसके जवाब में भारत ने यह कार्रवाई की। भारतीय सशस्त्र बलों ने शनिवार सुबह रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियन सहित कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया।
पसरूर और सियालकोट विमानन बेस में रडार ठिकानों को भी सटीक हथियारों से निशाना साधा गया, जिससे पकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों पर भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान ने शत्रुता समाप्त करने की प्रार्थना किया और उसके डीजीएमओ ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन मिलाया ।