Weather update : भारी बारिश से कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे के हालात

WEATHER-NEWS (2)

नई दिल्ली,एनएआई : आजकल देश में मानसून की बारिश दर्ज की जा रही है। कही बारिश से राहत, तो कही आफत बनी हुई है। पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं के कारण पिछले सप्ताह उत्तर भारत में तेज बारिश हुई है। वहीं, दूसरी ओर 12 ऐसे राज्य हैं, जहां कमजोर मानसून के कारण बारिश में जबरदस्त कमी आई है।

दक्षिणी राज्यों में कम हुई बारिश

बता दें, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, बिहार और झारखंड जैसे 12 मध्य, दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्य अभी भी कमजोर मानसून से गुजर रहे हैं। वहीं, 1 जून से शुरू होने वाले मानसून के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के बारिश के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि तमिलनाडु को छोड़कर सभी दक्षिणी राज्यों में इस सीजन में उम्मीद से कम वर्षा हुई है।

फसलो की बुआई में देरी
जुलाई के पहले सप्ताह में दक्षिण में भारी बारिश केरल और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों तक ही सीमित थी, जबकि मुख्य भूमि पर पर्याप्त वर्षा नहीं हुई थी। इसके अलावा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्सों में फसलों की बुआई में देरी हो गई है। कर्नाटक और तेलंगाना सरकारों ने कमजोर मानसून की बात कही है।

तेलंगाना में काफी कम बारिश
तेलंगाना राज्य विकास और योजना सोसायटी (टीएसडीपीएस) के अनुसार, राज्य में 1 जून से 11 जुलाई तक 150.4 मिमी बारिश दर्ज की थी। यानी सामान्य वर्षा 197.5 मिमी की तुलना में काफी कम बारिश हुई थी। जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान राज्य में 395.6 मिमी भारी बारिश दर्ज की गई थी।

टीएसडीपीएस के बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले साल की तुलना में, तेलंगाना में -65 फीसदी बारिश में कमी देखी गई है। इसमें कहा गया है कि मानसून 24 जून से शुरू हुआ और अनियमित रहा है। विकाराबाद, संगारेड्डी, सिद्दीपेट और नारायणपेट में सामान्य से थोड़ी अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि इन्हें छोड़कर शेष सभी 29 जिलों में कम बारिश हुई है।

कर्नाटक का भी बुरा हाल

कर्नाटक में, अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश प्रमुख बांध जैसे कृष्णराजसागर (केआरएस) बांध, जो बेंगलुरु के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत है, लगभग सूखने की कगार पर है। अधिकतम 124.8 फीट की तुलना में 30 फीट नीचे जल स्तर बना हुआ है। तुलनात्मक रूप से पिछले वर्ष जलस्तर 106.5 फीट था।

वहीं, हैदराबाद और कर्नाटक क्षेत्रों की आपूर्ति करने वाला तुंगभद्रा बांध को भी पानी की दरकार है। वर्तमान में केवल 4.1 टीएमसी पानी है, जो पिछले साल के 43.9 टीएमसी से काफी कम है। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी सेल के अनुसार, कर्नाटक में कावेरी और तुंगभद्रा जैसी नदियों को भरने वाले जलग्रहण क्षेत्रों में मानसून के मौसम के पहले 35 दिनों के दौरान सामान्य से एक तिहाई से भी कम बारिश हुई है।

31 फीसदी बारिश की कमी

केरल के कई इलाके 31 फीसदी बारिश की कमी से जूझ रहे है। यहा बारिश बहुत ही कम हुई है। केरल आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उत्तरी केरल के कुछ हिस्सों को छोड़कर, अधिकांश अन्य क्षेत्रों में बहुत कम बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि 14 में से 9 जिलों में बारिश की भारी कमी है।

यहां भी बारिश की कमी
पूर्वी राज्य बिहार में -33 फीसदी, झारखंड में -43 फीसदी और ओडिशा में -26 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि पश्चिम बंगाल में पर्याप्त मात्रा में बारिश हुई है। असम को छोड़कर सभी पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की कमी है। हालांकि, इन राज्यों में हुई औसत बारिश देश के औसत से अधिक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World