नई दिल्ली , डिजिटल डेस्क : भारत ने कार दुर्घटना के आरोप में वांछित एक भारतीय नागरिक को अमेरिका भेजकर 17 वर्ष के बाद अमेरिका को प्रत्यर्पण पुन: शुरू कर दिया है। नासाउ काउंटी के अभियोजक कार्यालय ने सोमवार को बताया कि 54 वर्षीय गणेश शेनाय, 20 वर्ष पहले एक दुर्घटना के बाद भारत भाग गया था।
इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। गणेश को मुंबई में अमेरिकी मार्शल सर्विस के कर्मियों ने हिरासत में लिया गुरुवार को अमेरिका लेकर आए। अभियोजक ऐन डोनेली ने कहा, आरोपित को शुक्रवार को जज के सामने पेश किया गया जिसने उसे बिना जमानत के हिरासत में रखने का आदेश दिया।
कब हुई थी दुर्घटना
डोनेली ने कहा, यह दुर्घटना अप्रैल 2005 में न्यूयार्क के हिकविल में उस समय हुई जब फिलिप मास्ट्रोपोलो, काम पर जा रहे थे। गणेश, जो कथित तौर पर गति सीमा से दो गुना तेज वाहन चला रहा था, ने लाल बत्ती को पार किया और मास्ट्रोपोलो की कार को इतनी जोर से टक्कर मारी कि कार लगभग 20 मीटर दूर एक ट्रक से टकरा गई। मास्ट्रोपोलो की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
हालांकि उसका भारतीय पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था, फिर भी वह भारत भाग गया और 14 दिन बाद न्यूयार्क से मुंबई पहुंचा। उसे अगस्त 2005 में नासाउ काउंटी में दूसरी डिग्री की हत्या का आरोप लगाया गया और एक इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया था।
कितनी होती है सजा?
न्यूयार्क के कानून के तहत दूसरे डिग्री की हत्या के लिए अधिकतम सजा 15 वर्ष है। भारत और अमेरिका ने 1997 में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे। यह संधि किसी भी व्यक्ति के प्रत्यर्पण की व्यवस्था करती है जो दोनों देशों के कानूनों द्वारा कवर किए गए उन अपराधों में लिप्त है और जिसके लिए एक वर्ष से अधिक की सजा का प्रविधान है।