लखनऊ, शिव सिंह : भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी नई दिल्ली के सहयोग से दिनांक एक फरवरी से तीन फरवरी तक “खाद्य सुरक्षा के लिए पादप स्वास्थ्य : खतरे और वादे” बिषय पर त्रिदिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में कुल चौदह तकनीकी सत्रों में कुल 400 से अधिक मौखिक एवं पोस्टर शोध पत्रों की प्रस्तुति ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों एवं शोध छात्रों द्वारा की गयी।शनिवार को समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता डा० जेएस संधू पूर्व उप महनिदेशक (फसल विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली एवं पूर्व कुलपति एसके एनएयू जोबनेर राजस्थान ने किया। कार्यक्रम में डा० एससी दुबे अध्यक्ष आईपीएस एवं कुलपति बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची, डा० टी दामोदरन निदेशक केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ, डा० आर सेल्वाराजन निदेशक भाकृअनुप-राष्ट्रीय केला अनुसंधान केंद्र त्रिची, डा० दिलीप घोष नव नियुक्त अधक्ष इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी एवं निदेशक भाकृअनुप-राष्ट्रीय संतरा अनुसंधान केंद्र नागपुर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कार्यक्रम के आरंभ में डा० आर विश्वनाथन निदेशक भाकृअनुप- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने सभी का स्वागत किया। डा० जेएस संधू पूर्व उप महनिदेशक (फसल विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सलाह दी कि पादप रोग विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले पूर्व शोधकर्ताओं की डाक्युमेंट्री बनाई जाये जिससे युवा पीढ़ी को प्रोत्साहन मिल सके। उन्होने प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार के पुरस्कार वितरित किये। सम्मेलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आधारित एक कृषि प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। डा० दिनेश सिंह पीसी (गन्ना) आयोजक सचिव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डा० अनीता सावनानी ने किया।