नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए इस बार प्रैक्टिकल एग्जाम, प्रोजेक्ट वर्क और इंटरनल असेसमेंट को लेकर बड़ी घोषणा की है। बोर्ड ने नई गाइडलाइंस और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) जारी कर दिए हैं, जिन्हें सभी स्कूलों को इस बार बिना किसी गलती के लागू करना होगा। हर साल प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट की प्रक्रिया होती है, लेकिन इस बार बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, ताकि पूरे देश के स्कूलों में परीक्षा व्यवस्था एक जैसी बनी रहे।
CBSE ने साफ कहा है कि सभी स्कूलों को तय समयसीमा के अंदर पूरे प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क को पूरा करना होगा, क्योंकि इस साल बोर्ड कुल चार परीक्षाएं आयोजित करने जा रहा है। ऐसे में समय का सही उपयोग होना जरूरी है, ताकि किसी भी छात्र या स्कूल को बाद में परेशानी का सामना न करना पड़े।
वेब पोर्टल पर सही मार्क्स अपलोड करना होगा अनिवार्य
CBSE ने स्कूलों से कहा है कि प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट के मार्क्स वेब-पोर्टल पर बहुत ध्यान से अपलोड करें। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि एक बार मार्क्स अपलोड हो जाने के बाद किसी भी प्रकार का बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।इस वजह से स्कूलों को पूरी प्रक्रिया सावधानी से पूरी करनी होगी।
आंसर बुक में नया फीचर दोनों परीक्षकों की अंडरटेकिंग जरूरी
इस साल का एक नया और खास बदलाव है प्रैक्टिकल आंसर बुक में नया फीचर. इसमें इंटरनल और एक्सटर्नल, दोनों परीक्षकों को यह लिखित अंडरटेकिंग देनी होगी कि उन्होंने सभी डेटा सही तरीके से चेक करके अपलोड किया है. इससे गलतियों की संभावना कम होगी और पूरी प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी बनेगी।
कब होंगे 10वीं और 12वीं के प्रैक्टिकल ?
1 जनवरी 2026 से 14 फरवरी 2026 तक कराई जाएगी। वहीं शीतकालीन (विंटर बाउंड) क्षेत्रों में स्कूलों के लिए तारीखें इससे पहले रखी गई हैं। इन स्कूलों में प्रैक्टिकल का आयोजन 6 नवंबर 2025 से 6 दिसंबर 2025 तक किया जाएगा। बोर्ड ने सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया है कि वे इन तारीखों के अनुसार अपनी पूरी समयसारणी तैयार करें और समय पर सब कुछ पूरा करें.
रेगुलर छात्रों के लिए जरूरी नियम
प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट सिर्फ उन्हीं छात्रों के लिए होंगे, जिनका नाम स्कूल ने LOC के जरिए बोर्ड को भेजा है. यदि किसी छात्र का नाम बोर्ड की सूची में नहीं है, तो स्कूल को तुरंत क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करना होगा। स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रैक्टिकल परीक्षा में वही वास्तविक छात्र उपस्थित हो, जिसका नाम भेजा गया है। किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर स्कूल पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
प्राइवेट उम्मीदवारों के लिए भी बोर्ड ने तय किए नियम
प्राइवेट छात्रों के लिए CBSE ने यह व्यवस्था की है कि उनके प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल मार्क्स बोर्ड की तय नीति और परीक्षा उपविधियों के अनुसार ही दिए जाएंगे। यदि किसी कारण से किसी प्राइवेट छात्र का प्रैक्टिकल दोबारा कराना पड़े, तो इसे भी बोर्ड की नीति के अनुसार ही किया जाएगा। बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि प्राइवेट उम्मीदवारों को पूरी नीति साफ-साफ समझाई जाए, ताकि आगे किसी तरह की गलतफहमी या परेशानी न हो।
क्यों किए गए ये बदलाव ?
CBSE हर साल लाखों छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराता है. कई बार प्रक्रिया सही न चलने या स्कूलों के अलग-अलग तरीके अपनाने के कारण कुछ जगह शिकायतें आती थीं. इसी को देखते हुए बोर्ड ने इस बार SOPs में बदलाव किए हैं, ताकि परीक्षा पूरी तरह पारदर्शी, एक जैसी और समय पर हो सके।
क्या बदल जाएगा छात्रों के लिए ?
प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट अब ज्यादा सख्त और समयबद्ध होंगे. मार्क्स अपलोडिंग में गड़बड़ी की संभावना बहुत कम होगी. छात्रों को समय पर अपनी परीक्षा देनी होगी, क्योंकि अब तारीखों में देरी की कोई गुंजाइश नहीं होगी। इंटरनल और एक्सटर्नल दोनों परीक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है।
