भिंड,संवाददाता : यूपी और एमपी की दो सीमाओं को जोड़ने वाले इटावा-भिंड मार्ग पर स्थित उदी चंबल पुल से भारी वाहनों का आवागमन शुरू होने की उम्मीद अक्टूबर माह में जताई जा रही है। पीएनसी कंपनी की ओर मोबाइल ब्रिज क्वालिटी कैपेसिटी मशीन से की गई टेस्टिंग की रिपोर्ट पहले ही पॉजिटिव आ चुकी है। अब इटावा पीडब्लूडी, एनएच के अफसरों से अनुमति मिलने का इंतजार है, क्योंकि अक्टूबर माह में अगर पुल से भारी वाहनों का आवागमन शुरू नहीं हुआ, तो मप्र में चुनाव के चलते यह मामला टल सकता है।
जून से भारी वाहनों के आवागमन पर लगी है रोक
बता दें कि चंबल पुल क्षतिग्रस्त होने की वजह से आठ जून की रात 12 बजे से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई गई थी। इस प्रतिबंध में भारी वाहनों के साथ में यात्री बसें भी दायरे में आ गईं। परिणामस्वरुप भिंड से इटावा के बीच यात्री बस से सफर करने वाले यात्रियों की परेशानियां बढ़ गईं।
पुल से भारी वाहनों के आवागमन को शुरू कराए जाने की दिशा में एमपीआरडीसी के द्वारा 10 जुलाई को चंबल पुल की ब्रिज क्वालिटी एंड कैपेसिटी मशीन से टेस्टिंग कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। रिपोर्ट आने के बाद इसे इटावा प्रशासन, सेतु निगम और नेशन हाइवे अथारिटी के अधिकारियों को सौंपा था। इसके बाद इटावा पीडब्लूडी-एनएच के अफसरों ने एमपीआरडीसी की ओर से मांगी गई अनुमति का मामला लखनऊ भेज दिया था, जहां लखनऊ से अनुमति सशर्त दिए जाने की बात आई।
जानकारी के अनुसार बरही में चंबल नदी पर बने पुल के समांतर नया पुल बनाए जाने के यूपी प्रशासन ने टेंडर जारी कर एजेंसी नियुक्त कर दी है। गुड़गांव की कंपनी को यह पुल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। 296 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में चंबल नदी पर नया फोरलेन पुल और यमुना नदी के पुल तक फोरलेन सड़क बनाई जाना है। जिस कंपनी को यह कार्य में मिला है। वह कागजी कार्रवाई पूरी करने में जुटी है। ऐसे में यदि कंपनी दो माह में भी शुरुआत करती है तो दो साल का समय लग जाएगा।