नई दिल्ली,ऑनलाइन डेस्क : चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल हैं। भारत के तीसरे चंद्र मिशन का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा पर धीरे से उतारना है। चंद्रयान-2 मिशन विफल हो गया क्योंकि विक्रम नामक लैंडर चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसरो के मुताबिक, लैंडर के 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
सॉफ्ट लैंडिंग क्या है ?
लैंडर चंद्रमा की जमी से लगभग 100 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतरेगा। सॉफ्ट लैंडिंग काफी महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि इसमें रफ और फाइन ब्रेकिंग सहित कई जटिल श्रृंखला सम्मिलित होती है। सुरक्षित और खतरा-मुक्त क्षेत्र ढूढ़ने के लिए लैंडिंग से पहले लैंडिंग साइट क्षेत्र की इमेजिंग की जाएगी। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद, छह पहियों वाला रोवर बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस की अवधि पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है इस पर प्रयोग किया जाएगा ।
पृथ्वी की परिक्रमा
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को भारत के हेवी लिफ्ट रॉकेट LVM3 द्वारा कॉपीबुक शैली में कक्षा में स्थापित किया गया था। अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी की परिक्रमा पूर्ण किया और 1 अगस्त को चंद्रमा की ओर चला गया था। उस दिन ISTRAC में एक सफल पेरिगी-फायरिंग
की गयी।