चेन्नई, एजेंसी/ऑनलाइन डेस्क : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि मिशन मून पर निकला अपना चंद्रयान-3 आज एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा की धरती के काफी पास पहुंच चूका है। लैंडर मॉड्यूल को गुरुवार को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग किया जाएगा।
प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल की यात्रा
इसरो ने कहा कि चांद की जमी के बिल्कुल नजदीक लाने के लिए चंद्रयान-3 को 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त ही चांद की कक्षा में होने वाली सारी प्रक्रियाएं पूर्ण हो गई हैं। अब अपना चंद्रयान-3 महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुका है। प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हैं।
विक्रम और प्रज्ञान क्या है
सरल शब्दों में कहें तो चंद्रयान के भीतर बैठा ‘ लैंडर ‘ अब आगे का सफर अलग होगा । इस लैंडर का नाम विक्रम है और उसके अंदर मौजूद प्रज्ञान है। चांद की जमी पर लैंडर के उतरने के बाद प्रज्ञान बाहर निकलेगा। देश और दुनिया की नजरें इसपर टिकी हुई है। 17 अगस्त को प्रॉपल्शन मॉड्यूल से लैंडर अलग होगा। इसरो की पूरी तैयारी है कि 23 अगस्त 2023 की शाम को चंद्रयान-3 चांद की जमी पर लैंड हो जाए।