अंबिकापुर, संवाददाता : बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र में हाथी के हमले से महिला की मृत्यु हो गई। वाड्रफनगर से लगे ग्राम रजखेता के फोकनी जंगल में महिला महुआ बीनने गई थी, उसी वक्त उसका हाथी से सामना हो गया। महिला भाग नहीं सकी। हाथी ने उसे कुचल कर मार डाला। 15 दिन के भीतर हाथियों के हमले से छह लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
वाड्रफनगर क्षेत्र के गांव स्याही निवासी यशोदा दास पति अमर दास (58) बुधवार की सुबह छह बजे अपने मकान से महुआ बीनने के लिए निकली थी। मकान से लगभग सात किलोमीटर दूर रजखेता के फोकनी जंगल में वह महुआ बीनने में व्यस्त थी। आसपास दूसरे लोग भी थे। अचानक वहां हाथी आ गया।
इसके पहले की महिला वहां से भाग जाती , हाथी ने महिला को सूंड से उठाकर पटक दिया। पैर से कुचलने के चलते महिला की मृत्यु हो गई। आसपास मौजूद लोग वहां से भाग निकले। काफी देर तक हाथी घटनास्थल के आसपास ही विचरण करता रहा। बाद में आगे बढ़ गया।
25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी
घटना की सूचना पर वनमंडल अधिकारी बलरामपुर अशोक तिवारी, एसडीओ वन अनिल सिंह पैकरा के साथ वन कर्मचारी मौके पर पहुंचे। मृतका के स्वजन को 25 हजार रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। गांव वालों को जंगल नहीं जाने की सलाह दी जा रही है। वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र में इन दिनों दो हाथी घूम रहे हैं।
एक पखवाड़े में 6 लोगों की मौत
महुआ के सीजन में सूरजपुर और बलरामपुर जिले में हाथियों के हमले से जनहानि की घटनाएं बढ़ गई है। पिछले एक हफ्ते में छह लोगों की हाथियों के हमले से मौत हो चुकी है। रामानुजंगज वन परिक्षेत्र में दो, शंकरगढ़ व बलरामपुर वन परिक्षेत्र में एक-एक व्यक्ति की हाथियों के हमले से जान जा चुकी है।
सही ढंग से निगरानी नहीं हो पा रही
प्रतापपुर के दरहोरा के बाद वाड्रफनगर में जनहानि की घटना हुई है। बलरामपुर जिले में दल से अलग विचरण कर रहे हाथी ज्यादा आक्रामक है। अकेला होने के कारण तेजी से मूवमेंट करने वाले हाथी की सही तरीके से निगरानी भी नहीं हो पा रही है।