छिंदवाडा, संवाददाता : आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा 108 की टीम ने एक बार फिर अपनी जिम्मेदारी और सेवा भावना का अच्छा उदाहरण दिया। शनिवार को टीम ने ग्राम एकलमासानी में एक गर्भवती महिला को खराब और मुश्किल रास्तों के बावजूद समय पर अस्पताल पहुंचाया।
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा 108 की टीम ने एक बार फिर अपनी जिम्मेदारी और सेवा भाव का उदाहरण पेश किया। शनिवार को टीम ने ग्राम एकलमासानी में एक गर्भवती महिला को खराब और कठिन रास्तों के बावजूद समय पर अस्पताल पहुंचाया और उसकी व उसके बच्चे की जान बचाई। यह घटना एक तरफ जहां इंसानियत की अच्छी मिसाल है, वहीं दूसरी ओर यह दिखाती है कि गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं अभी भी कितनी मुश्किल हालातों में काम कर रही हैं।
स्ट्रेचर लेकर पहुंचे घर तक
मिली जानकारी के अनुसार, जब महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो उसके पति श्री प्रकाश धुर्वे (उम्र 29 साल) ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया। कॉल मिलते ही 108 की टीम EMT सूरज विश्वकर्मा और पायलट संदीप यदुवंशी तय समय पर मौके पर पहुंच गई।
गांव का रास्ता बहुत खराब और कच्चा होने की वजह से एंबुलेंस सीधे घर तक नहीं जा सकी। ऐसे में टीम ने बिना समय गंवाए स्ट्रेचर लेकर पैदल ही महिला के घर तक जाने का फैसला किया। उन्होंने महिला को ध्यान से स्ट्रेचर पर लिटाया और कठिन रास्तों से होते हुए सुरक्षित एंबुलेंस तक लेकर आए।
जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित
इसके बाद महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दमुआ में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया और प्रसव की प्रक्रिया शुरू की। डॉक्टरों ने बताया कि समय पर अस्पताल पहुंचने की वजह से मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
गांव के लोगों और महिला के परिवार ने 108 सेवा की टीम की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऐसी जल्दी और संवेदनशील सेवा गांवों के लिए किसी जीवन रक्षक से कम नहीं है। इस बहादुरी और समर्पण भरे काम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच्चे सेवक मुश्किल हालातों में भी इंसानियत निभाते हैं।