नई दिल्ली,न्यूज़ डेस्क : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपने पिता से आखिरी मुलाकात नजीमाबाद में एक चीनी मिल के उद्घघाटन समारोह की सभा में हुई थी। बतौर मुख्यमंत्री उनके परिवार का कोई भी सदस्य उनसे मिलने के लिए कभी नहीं आये । यह खुलासा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा।
पिता से आखिरी मुलाकात के सवाल पर योगी ने कहा कि उनकी पिता से कई सालों से मुलाकात नहीं हुई थी। सीएम बनने के बाद वह नजीमाबाद में एक चीनी मिल के उद्घाटन समारोह में गए थे। मंच से भाषण दे रहे थे, उसी दौरान भीड़ में उनकी नजर पिता पर गई। सभा समाप्त होने के बाद उन्होंने सहयोगियों से पिता को बुलाने के लिए कहा। वहीं उनकी पिता से आखिरी मुलाकात थी।
योगी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी , लेकिन लॉकडाउन के चलते वह पिता के अंतिम संस्कार में सम्मिलित नहीं हो सके थे। परिवार के बंधन पर योगी ने कहा कि कोई बंधन नहीं हैं। वह इंसान पहले हैं उसके बाद योगी है। एक योगी के रूप समाज के प्रति जो मेरे जो कर्तव्य है उनका निर्वहन करूंगा , धर्म को सेवा का माध्यम बनाऊं मेरे लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।
राजनीति में ड्रेस कोड नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में कोई ड्रेस कोड नहीं हैं। भगवा वस्त्र पर योगी ने कहा कि वेषभूषा इसलिए है कि लोगों की दृष्टि में हमेशा बने रहें। हमारे विचलन में लोग उंगली भी उठा सकें और विपरीत परिस्थिति में साथ भी खड़े हो सकें। इसलिए इस प्रकार की वेषभूषा को चुनौती के रूप लिया जाता है। यह एक दृष्टि भी देती है साथ ही व्यक्ति को पतन के गर्त से बचाने के लिए सचेत करती है।
देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं
महाराष्ट्र विधानसभा में एक मुस्लिम विधायक की ओर से वंदे मातरम के विरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश संविधान से चलेगा मत मजहब से नहीं। उन्होंने कहा कि आपका मत आपके घर, आपकी मस्जिद तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नेशन फर्स्ट है, यदि देश में रहना है तो उसे राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा, मतबज द्वितीय है।
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