UP : यूपी में दागदार 163 पुलिसकर्मी जांच के घेरे में

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लखनऊ, शैलेश पाल : कमिश्नरेट पुलिस की छवि एक बार फिर सवालों के घेरे में है। अपराधियों से साठगांठ, विवेचना में लापरवाही, मारपीट, छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसे मामलों में कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल 163 पुलिसकर्मी विभिन्न आरोपों में विभागीय जांच का सामना कर रहे हैं।

पिछले एक वर्ष में कई मामलों ने पुलिस महकमे की साख पर बट्टा लगाया है। कुछ पुलिसकर्मी गांजा तस्करों को संरक्षण देने, तो कुछ क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर लूट और जेवरात हड़पने जैसे मामलों में लिप्त पाए गए। कई को निलंबित कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि कुछ अब भी फरार चल रहे हैं।

14(2) के तहत चल रही 123 जांचें

वर्ष 2025 की शुरुआत में पुलिस नियमावली 14(2) के तहत 108 पुलिसकर्मियों पर जांच शुरू की गई थी। यह संख्या बढ़कर 136 तक पहुंची, जिनमें से 13 मामलों का निस्तारण हो चुका है। अब भी 123 पुलिसकर्मी इसी श्रेणी में जांच के दायरे में हैं।

14(1) में 40 पुलिसकर्मी जांच के घेरे में
इसी तरह पुलिस नियमावली 14(1) के तहत वर्ष की शुरुआत में 42 मामलों में जांच शुरू हुई थी, जो बाद में बढ़कर 45 हो गई। इनमें से 5 मामलों का निपटारा किया जा चुका है, जबकि 40 पुलिसकर्मियों की जांच अभी जारी है।

क्या होती है कार्रवाई
14(1) के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी, सेवा रिन्यूवल रोकने या वेतनवृद्धि रोकने जैसी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
14(2) के तहत अपेक्षाकृत हल्की कार्रवाई की जाती है, जैसे चेतावनी देना, वेतन कटौती या भविष्य में लापरवाही न करने की सख्त हिदायत।

खाकी पर बढ़ते दाग
लगातार सामने आ रहे मामलों ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि जांच निष्पक्ष रूप से की जा रही है और दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई तय है।

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