मंडी, संवाददाता : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोध में पंजाब के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में भूजल की गुणवत्ता में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इससे वहां के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इसके विपरीत हिमालयी नदियों से पोषित उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता तुलनात्मक रूप से बेहतर है। आईआईटी के अध्ययन में पंजाब के भूजल प्रदूषण पर चिंता जताई गई है।
20 वर्ष में भूजल में काफी बदलाव आया है। शोध में निष्कर्ष निकाला गया है कि पीने और सिंचाई के लिए भूजल की गुणवत्ता की जांच पर राज्य सरकार को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। आईआईटी मंडी की टीम ने कृषि अवशेषों और मानवीय गतिविधियों से होने वाले भूजल प्रदूषण के संबंध में यह शोध किया है।
शोध का नेतृत्व आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ सिविल एंड एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डीपी शुक्ला ने किया है। पीएचडी की छात्रा हरसिमरनजीत कौर रोमाना ने भी उनका सहयोग किया है। हरसिमरनजीत मूलरूप से पंजाब की निवासी हैं।