लखनऊ, शिव सिंह : पीजीआई क्षेत्र के कल्ली पश्चिम एवं गजवरियनखेड़ा में बीते दिनों डायरिया से संक्रमित मरीजों के आ रहे मामलों के कारण क्षेत्र के लोगों में भय व्याप्त था। अखबारों में लगातार खबरें प्रकाशित हुई जिसके बाद तमाम जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की आँखे खुल गई। जिसके बाद जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर आयुक्त, समेत तमाम अफसरों ने क्षेत्र का दौरा किया और विभागों द्वारा क्षेत्र में डायरिया के प्रकोप से बचने के लिए त्वरित कार्यवाई प्रारंभ कर दी गई। पिछले चार दिनों में लगातार नये मरीजों का मिलना जारी था, लेकिन अधिकारियों के मुताबिक शनिवार को यहां एक भी नया मरीज नहीं मिला है।
पिछले दिनों यहां डायरिया के प्रकोप से एक की मौत और दर्जनों लोगों के भर्ती होने की वजह से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ था। गजवरियनखेड़ा गांव में पिछले पांच दिनों से नगरनिगम, तहसील और स्वास्थ्य महकमे के प्रसाशनिक अधिकारियों का तांता लगा हुआ है। नगरनिगम की सफाई कर्मियों की टीम लगातार गांव की साफसफाई का मोर्चा सम्भाले हुए है वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी दिनरात पीड़ितों के इलाज का जिम्मा सम्भाल रहे हैं। पार्षद पति मनोज रावत सुबह से रात तक गांव में रह कर लोगों की मदद करते हुए प्रसाशनिक सेवाओं पर नजर बनाए हुए हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों से की मुलाकात
शनिवार को गांव का हाल जानने प्रसाशनिक अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपरनगर आयुक्त,उपजिलाधिकारी सरोजिनी नगर फाल्गुनी सिंह, तहसीलदार आकृति श्रीवास्तव ने गांव के लोगों से मुलाकात की और उनका हाल जाना। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने गजवरियनखेड़ा गांव के इर्द गिर्द अपनी मेट्रो सिटी डेवलप कर रही ओमैक्स गर्व बिल्टेक के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनोज तिवारी को मौके पर बुलवाया। जिलाधिकारी ने ओमैक्स को गांव से लगे तालाब का पानी तत्काल निकलवाने का आदेश दिया साथ ही पाइपलाइन डलवा कर पानी के निकासी की व्यवस्था करने के लिये भी कहा।

बता दें कि ओमैक्स गर्व बिल्टेक के मेट्रो सिटी प्लान के बीच आए गांव दुर्दशा की भेंट चढ चुके हैं।मैट्रोसिटी के डेवलपमेंट में गांव को जोड़ने वाली सड़कें अभी तक निर्माणाधीन हैं जिसके चलते इन गांवों का दूषित पानी गांवों में ही जमा हो रहा है।ओमैक्स द्वारा खोदे गये बड़े बड़े गड्ढे भी जल मग्न हैं जिनमें सड़न पैदा होने की वजह से निवासियों को बीमारी और बढने का खतरा सता रहा है।
उपजिलाधिकारी फाल्गुनी सिंह ने बताया कि शनिवार को एक भी मरीज नहीं पाया गया है।अस्पताल में भर्ती मरीज भी सही होकर घर लौट चुके हैं। सिर्फ पांच मरीज अस्पताल में भर्ती हैं जो अब स्वस्थ होने के कगार पर हैं।