देश में एक सप्ताह और पड़ेगी भीषण गर्मी – आईएमडी

WEATHER-UPDATE

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : उत्तर-पश्चिम भारत में बढ़ते तापमान का प्रमुख कारण प्रशांत महासागर में अलनीनो का कमजोर पड़ जाना है। इस बीच अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान से भारत की ओर आने वाली गर्म हवा ने बड़ा फर्क डाला है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि उत्तर भारत के बड़े हिस्से को अभी सप्ताह भर तक प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।

रविवार को भी राजस्थान, दिल्ली पंजाब, हरियाणा एवं गुजरात उत्तर प्रदेश के कई इलाको में अधिकतम तापमान 45 डिग्री से भी ज्यादा दर्ज किया गया है। कहीं-कहीं पारा 47 डिग्री के भी ऊपर चला गया। मानसून की स्थितियां नहीं होने के चलते फिलहाल गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इस बार लू की चपेट के चलते बिहार एवं मध्य प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है।

मौसम विभाग ने यूपी -दिल्ली के लिए रेड अलर्ट जारी किया

मौसम विभाग ने राजस्थान,पंजाब, दिल्ली, गुजरात एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश के बाकी इलाको , मध्य प्रदेश एवं बिहार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी के कारणों के बारे में मौसम विभाग का का अध्ययन बताता है कि मई माह में उत्तर भारत में सूर्य की स्थिति एकदम सीधी होती है। इसी दौरान पाकिस्तान की ओर से आने वाली हवा की दिशा भी उत्तर भारत की ओर होती है। इस कारण तापमान में तेजी से वृद्धि हो जाती है।

चक्रवात के कारण हवा नीचे आती है

कभी-कभी चक्रवात के चलते यह हवा नीचे आती है और संघनित (कंप्रेस्ड) होकर वर्षा हो जाती है। इस कारण से चार से पांच डिग्री सेल्सियस तक तापमान लुढ़क जाता है। किंतु इस बार ऐसा कोई लक्षण नहीं है। प्रशांत महासागर से आने वाली गर्म हवाये पाकिस्तान से होकर भारत में उत्तर-पश्चिम दिशा से दक्षिण-पूर्व की ओर बह रही है। यह धीरे-धीरे बिहार ,उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की तरफ बढ़ रही है। बर्फबारी या वर्षा की स्थिति नहीं होने के कारण तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है।

अलनीनो के कमजोर होने के कारण भारत में तापमान अधिक
आईएमडी के अध्ययन में बोला गया है कि जब अलनीनो कमजोर पड़ने लगता है तो भारत में तापमान सामान्य से ज्यादा होने लग जाता है। भारतीय महाद्वीप में जलवायु के दो पैटर्न हैं-अलनीनो और लानीना। दोनों दूसरे के विपरीत हैं। एक प्रभावी होता है तो दूसरा कमजोर पड़ जाता है। प्रशांत महासागर में अभी अलनीनो सक्रिय है, किंतु धीरे-धीरे यह कमजोर पड़ता जा रहा है। जुलाई तक खत्म हो जाएगा और लानीना की परिस्थितियां प्रभावी हो जाएंगी। मौसम विभाग के अनुसार लानीना के दौरान सामान्य से कुछ ज्यादा वर्षा हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World