नई दिल्ली, ब्यूरो : दिल्ली विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका होने जा रहा है, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष में शीर्ष पदों पर दो महिलाएं विराजमान होंगी। भाजपा ने पहली बार विधानसभा में पहुंची रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया है, वहीं आप ने भी पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ आप नेता आतिशी को नेता प्रतिपक्ष चुना है।
सदन में विपक्ष की नेता बनीं आतिशी
पार्टी कार्यालय में आप विधायकों की बैठक के बाद पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से आतिशी को अपना नेता चुना है। राय ने कहा कि आतिशी दिल्ली विधानसभा में दिखने वाली नेता होंगी और उम्मीद है कि वह पार्टी की विचारधारा व रणनीति को आगे ले जाएंगी।
दिल्ली विधानसभा के इतिहास की बात
दिल्ली विधानसभा के इतिहास की बात करें तो आजादी के बाद पहली सरकार कांग्रेस की थी जिसमें चौधरी ब्रह्म प्रकाश मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन उन्होंने कुछ महीनों बाद ही इस्तीफा दे दिया था, उनके बाद दूसरे कांग्रेस विधायक गुरुमुख निहाल सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
1993 से 1998 तक बीजेपी की सरकार
उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद दिल्ली विधानसभा भंग कर दी गई थी और उसके बाद 1993 में दूसरी बार दिल्ली विधानसभा का गठन हुआ था। जिसमें 1993 से 1998 तक बीजेपी की सरकार रही। जिसमें बीजेपी ने अंत में सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया था।
लेकिन उस समय भी विपक्ष के नेता के तौर पर कोई महिला नहीं थी। 1998 में शीला दीक्षित ने चुनाव लड़ा और उसके बाद उन्होंने तीन कार्यकाल तक दिल्ली की सत्ता संभाली।
दोनों पक्षों की ओर से प्रमुख पदों पर महिलाएं
लेकिन भारतीय जनता पार्टी की ओर से विपक्ष की नेता कोई भी महिला नहीं थी। इसके बाद जब 2013, 15 और 20 में आप सत्ता में आई तो भाजपा की ओर से किसी महिला को विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी नहीं दी गई।
अब स्थिति यह हो गई है कि दोनों पक्षों की ओर से महिलाएं ही सदन में प्रमुख पदों पर पहुंच गई हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सदन की कार्यवाही में किस तरह का बदलाव देखने को मिलता है।