नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TDF) योजना के तहत विकसित सात अत्याधुनिक तकनीकें तीनों सेनाओं को सौंप दी हैं। ये सभी तकनीकें देश की निजी एवं औद्योगिक भागीदार कंपनियों द्वारा DRDO के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में विकसित की गईं।
कौन-कौन सी तकनीकें सौंपीं गईं ?
एयरबोर्न सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर के लिए स्वदेशी हाई-वोल्टेज पावर सप्लाई
नौसैनिक जेटीज़ के लिए टाइड-इफिशिएंट गैंगवे
एडवांस्ड VLF-HF स्विचिंग मैट्रिक्स सिस्टम
पानी के भीतर प्लेटफॉर्म्स के लिए VLF लूप एरियल
फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट हेतु स्वदेशी वॉटरजेट प्रोपल्शन सिस्टम
इस्तेमाल की गई लिथियम-आयन बैटरियों से लिथियम प्रीकर्सर रिकवरी की नवीन तकनीक
समुद्री जल में लंबे समय तक चलने वाली बैटरी प्रणाली—अंडरवॉटर सर्विलांस एवं सेंसिंग के लिए
इन सभी तकनीकों का विस्तृत परीक्षण किया जा चुका है और ये तीनों सेवाओं की परिचालन जरूरतों के हिसाब से तैयार की गई हैं।
नए प्रोजेक्ट्स को भी मिली मंजूरी
DRDO की एम्पावर्ड कमेटी की बैठक 2 दिसंबर 2025 को DRDO मुख्यालय, नई दिल्ली में हुई। इस दौरान रणनीतिक, एयरोस्पेस, नौसेना और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से जुड़े 12 नए प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी गई।
