प्रयागराज, संवाददाता : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जौनपुर निवासी रणधीर पटेल व उसकी मां की के ऊपर चल रहे रेप ,एससी-एसटी,गाली गलौच के केस में अदालत की कार्यवाही पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दिया है और विपक्षी को 6 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिया है।
प्रयागराज के थाना खुल्दाबाद के अंतर्गत हिम्मतगंज निवासी महिला ने अपनी पुत्री के साथ दुष्कर्म व जाति सूचक शब्दों के साथ गाली गलौज के आरोप में प्रयागराज के जार्जटाऊँन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जिस पर पुलिस के द्वारा याचीगण के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल करने पर न्यायालय के द्वारा सम्मन जारी कर तलब किये जाने के आदेश को याचिका में चुनोती दी गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने रणधीर पटेल उसकी मां की याचिका पर दिया है।
याची से फेसबुक के माध्यम से हुई दोस्ती
याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी का कहना है कि पीड़िता अनुसूचित जाति की है उसकी याची से फेसबुक के माध्यम से दोस्ती हुई सीएमपी डिग्री कॉलेज में 2020 में मुलाकात हुई और परिवार को बिना बताए दोनों ने शादी कर ली और अगले 2 साल तक दोनों पति-पत्नी की तरह रहे । याची उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के रूप में बस्ती जिले में तैनात है । प्राथमिकी में आरोप है कि याची रणधीर पटेल ने दुष्कर्म किया और बाद में शादी का ढोंग कर उसकी मांग में सिंदूर भर दिया ।
पति पत्नी में पारिवारिक विवाद होने पर पीड़िता के द्वारा एफ आई आर दर्ज करा दिया गया। याची पति ने जौनपुर में पत्नी को विदाई करने के लिए हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत विदाई का मुकदमा दाखिल किए जाने के 2 महीने के बाद याची व उसकी मां के विरुद्ध रेप ,एससी एसटी केस में एफ आई आर दर्ज किए जाने के पश्चात पुलिस ने याचीगण के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया । अदालत के द्वारा भेजे गए सम्मन के आदेश को याचिका में चुनौती दी गई है ।