नई दिल्ली, एनएआई : मुख्य आयुक्त राजीव कुमार ने वोटिंग मशीन (ईवीएम) के आलोचकों को शायराना अंदाज में करारा जवाब दिया। उन्होंने इस दौरान खुद का लिखा एक शेर कहा,”अधूरी हसरतों को इल्जाम हर बार हम पर ही लगाना ठीक नहीं, वफ़ा खुद से नहीं होती और खता ईवीएम की कहते हो। और पश्चात् जब परिणाम आता है तो उसपे कायम भी नहीं रहते हो।
उन्होंने ईवीएम पर दलों की ओर से उठाए जाने वाले सवालों पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अब तक 40 बार सुप्रीम कोर्ट सहित दूसरे न्यायालय ईवीएम जुड़ी ऐसी याचिकाओं को खारिज कर चुके है। उसके बावजूद हर चुनाव के बाद ईवीएम पर सवाल खड़े किए जाते हैं। इनमें वह दल भी शामिल है, जो ईवीएम के जरिये चुनाव जीतकर आते हैं। आयोग ने ईवीएम के तथाकथित हैकरों को चेताते हुए कहा, वह चुनाव आयोग को ईवीएम पर लिखी गई नई किताब अवश्य पढ़ लें।
चुनाव आयोग की फेक न्यूज पर कड़ी नजर
चुनाव के दौरान झूठी खबरों के प्रसार पर मतदाताओं से अनुरोध किया, वे ऐसी असत्यापित जानकारी साझा न करें। उन्होंने कहा, झूठ के बाजार में रौनक तो बहुत है, गोया बुलबुले जैसी तुरंत ही फट जाती है… पकड़ भी लोगे तो क्या हासिल होगा सिवाए धोखे के। इसका मतलब है झूठ की दुनिया आकर्षक है ,लेकिन अल्पकालिक है, अगर आप इसे प्राप्त भी कर लेते हैं, तो धोखा ही हाथ लगेगा।
नेताओं के बयानबाजी पर चुनाव आयुक्त ने सुनाया शेर
नेताओं के बयानबाजी पर उन्होंने उर्दू शायरी और हिंदी के दोहे का इस्तेमाल किए। उन्होंने उर्दू के मशहूर शायर बशीर बद्र का एक शेर सुनाया, दुश्मनों के दोबारा दोस्त बनने के मामले आ रहे हैं, लेकिन दोस्त बनने पर शर्मिंदा न होने की गुंजाइश होनी चाहिए। उन्होंने रहीम का दोहा सुनाया, रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय, टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गांठ परि जाए।