लखनऊ,शिव सिंह : भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी नई दिल्ली के सहयोग से त्रिदिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन “खाद्य सुरक्षा के लिए पादप स्वास्थ्यः खतरे और वादे” के दूसरे दिन अनेक गणमान्य वैज्ञानिकों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। दिवस का आरंभ पुरस्कार व्याख्यानों की प्रस्तुति से हुआ। इसके अंतर्गत डा० एससी दुबे कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची ने “मुंडकर मेमोरियल अवार्ड व्याख्यान दिया। उन्होंने रोगजनक राइजोक्टोनिया सोलानी और दलहनी फसलों पर इसके प्रभाव के बारे में बात की।
डा० वी सेलिया चालम ने “डीपी मित्रा और आरएन पांडे आईपीएस सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिक पुरस्कार व्याख्यान दिया और ट्रांसबाउंड्री विषाणुओं के बिरुद्ध जैव सुरक्षा, निदान, संगरोध नियमों और क्षमता विकास के बारे में जानकारी दी। डा० दिनेश सिंह, विभागाध्यक्ष फसल सुरक्षा, आईआईएसआर, लखनऊ ने “प्रोफेसर एमएस पावगी पुरस्कार व्याख्यान” दिया। उन्होंने फूसीफेरी फसलों में ब्लैक रॉट बीमारी के रोगजनक के बारे में जानकारी दी।
इसके उपरांत ऑनलाइन मोड के माध्यम से डा० एलएम सुरेश द्वारा डा० जेएफ दस्तूर मेमोरियल पुरस्कार व्याख्यान” दिया गया। इसके अतिरिक्त चार समवर्ती वैज्ञानिक सत्रों में लगभग 150 से अधिक मौखिक एवं पोस्टर शोध पत्रों की प्रस्तुति भी की गयी। इन सत्रों में फसल सुरक्षा से संबन्धित विषयों पर गहन चर्चा की गयी जिसमें 500 से अधिक वैज्ञानिक उपस्थित थे। प्रतिभागियों के लिए सम्मेलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आधारित एक कृषि प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।