कानपुर, संवाददाता : शहर के दक्षिण इलाके में सबसे ज्यादा घरों के छज्जों और बाउंड्री को आगे की ओर बढ़ाकर बना लिया गया है, जिसमे हमीरपुर रोड से खाड़ेपुर तक घर व दुकानें बनी हैं। खम्बे बाउंड्री के अंदर लोगो ने कर लिए है। इसके अलावा बाबूपुरवा, किदवईनगर, साकेतनगर के कुछ इलाके भी शामिल हैं।
इससे पहले भी कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड (केस्को) की ओर से शहर में अलग-अलग स्थानों को चिह्नित करके लगभग 332 परिवारों को नोटिस भेजा जा चुका है। इसके बाद भी केडीए की ओर से घरों के छज्जों को बढ़ाकर बनाने वाले उपभोक्ताओं पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
ये इलाके हैं शामिल
शहर के दक्षिण क्षेत्रों में सबसे अधिक घरों के छज्जों को आगे की ओर बढ़ाकर बनाया गया है। इसमें हमीरपुर रोड से खाड़ेपुर तक घर व दुकानें बनी हैं। गुलमोहर विहार, बर्रा विश्व बैंक, गुजैनी, दबौली, तात्याटोपे नगर, संजयगांधी नगर, बर्रा-8, ई,सी, एफ,जी, एच सेक्टर शामिल हैं। इसके अलावा बाबूपुरवा, किदवईनगर, साकेतनगर के कुछ इलाके भी शामिल हैं।
केस्को की ओर से इन उपभोक्ताओं को भेजा नोटिस
केस-1
केस्को ने नौबस्ता केडीए मार्केट में दुकान संख्या 17 वाई-1 ब्लॉक ए में निशा अवस्थी पत्नी मंजुल अवस्थी को 23 दिसंबर 2024 को नोटिस भेजा गया था। उपभोक्ता ने 11केवी लाइन के नीचे अवैध ढंग से दो मंजिला भवन का निर्माण कर लिया है , जिसमें बीयर शॉप बनी हुई थी। केडीए को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
केस-2
वाजिदपुर उपकेंद्र की 33केवी लाइन के नीचे अवैध रूप से घर और दुकानों का निर्माण करा दिया गया है। फुटपाथ पर भी कब्जा कर लिया गया है। उपकेंद्र के यार्ड के लिए रास्ता ही नहीं बचा है। फॉल्ट व ब्रेकडाउन के समय यदि क्रेन या अन्य वाहन अंदर ले जाना हो तो संभव नहीं है। केडीए और नगरनिगम को 15 मई 2025 को पत्र लिखा था। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह है मानक
छत/बालकनी से लंबवत दूरी एलटी लाइन से 244 मीटर और एचटी लाइन 3.66 मीटर
भवन/छत से क्षैतिज दूरी एलटी लाइन/11 केवी से 1.22 मीटर और 33 केवी से 1.83 मीटर
सड़क के आरपार एलटी लाइन के लिए निचले कंडक्टर से जमीन की दूरी 5.80 मीटर और एलटी लाइन से 5.50 मीटर
एचटी लाइन (11 व 33 के.वी.) के लिए निचले कंडक्टर से जमीन की दूरी 6.10 मीटर
केडीए की ओर से मकान की छत या छज्जा की दूरी का पालन सख्ती से कराना चाहिए। उपभोक्ता अपनी सुविधा के अनुसार छज्जा बढ़ाकर बनाते हैं। इससे हादसे होते हैं। इसके बाद जवाबदेही केस्को से मांगी जाती है। -अरुण कुमार, अधिशासी अभियंता, सप्लाई