नई दिल्ली, एंटरटेनमेंट डेस्क : आपको वो चर्चित किस्सा तो याद होगा कि कैसे नमक हलाल में स्मिता पाटिल को-स्टार अमिताभ बच्चन के साथ बरसात वाला डांस करके खूब रोई थीं। खुद उनकी बहन ने इसका खुलासा किया था। स्मिता बड़ी बजट की फिल्मों में काम नहीं करना चाहती थीं। उनका प्यार तो हमेशा से आर्ट सिनेमा को लेकर रहा। जिस आर्ट सिनेमा के लिए स्मिता ने बड़ी-बड़ी फिल्में कुर्बान कर दीं, उसे छोड़ वह क्यों कमर्शियल फिल्मों की ओर गईं, इसका खुलासा खुद एक्ट्रेस ने किया था।
स्मिता पाटिल ने नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस थीं, जिनका पैरलल सिनेमा को ऊंचाइयों पर ले जाने का बड़ा योगदान था। उन्होंने मंथन, हर्जन, निशांत, भूमिका, चक्र और बाजार समेत कई बड़ी फिल्मों में काम किया। यूं तो वह पैरलल सिनेमा का चेहरा थीं, लेकिन एक वक्त आया, जब वहां से भी उन्हें दरकिनार कर दिया जाने लगा। इस बात से नाराज एक्ट्रेस ने खुद से एक वादा किया और कमर्शियल फिल्मों में नाम किया।
आर्ट सिनेमा से दूर होने का था दुख
एक पुराने इंटरव्यू में स्मिता पाटिल ने आर्ट सिनेमा जिसे उस वक्त स्मॉल सिनेमा भी कहा जाता था, उसे छोड़ कमर्शियल फिल्मों की ओर रुख करने की वजह बताई थी।
अदाकारा ने कहा था-
मैं लगभग पांच साल तक छोटे सिनेमा के प्रति समर्पित रही। मैंने सभी कमर्शियल ऑफर्स को ठुकरा दिया। 1977-78 के आसपास, छोटे सिनेमा आंदोलन ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया और उन्हें बड़े नाम (बिग स्टार्स) की जरूरत थी। मुझे कुछ प्रोजेक्ट्स से बेवजह बाहर कर दिया गया। यह एक बहुत ही छोटी बात थी, लेकिन इसने मुझे बहुत प्रभावित किया।