Gaza : ‘हमास को करना चाहिए सरेंडर’, फलस्तीनी राष्ट्रपति ने की अपील

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न्यूयॉर्क , एजेंसी : फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि हमास और इसके विभिन्न गुटों को सरेंडर कर देना चाहिए। उन्हें अपने हथियार फलस्तीनी प्राधिकरण के समक्ष डाल देने चाहिए। उन्होंने कहा कि फलस्तीन राष्ट्र ही गाजा में शासन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकमात्र सक्षम इकाई है।

अब्बास ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में द्वि-राष्ट्र समाधान पर विशेष सत्र के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से यह अपील की। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान एक एकीकृत फलस्तीन राष्ट्र के लिए दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

शासन में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी

अब्बास ने कहा, ‘शासन में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी। आग्रह है कि हमास और अन्य गुटों को अपने हथियार फलस्तीनी प्राधिकरण के सामने डाल देने चाहिए। हम एक ऐसा एकीकृत राष्ट्र चाहते हैं, जहां कोई हथियार न हो, जहां एक कानून और एक वैध सुरक्षा बल हो।’

उन्होंने गाजा में भुखमरी, नागरिकों की हत्या और कब्जे के अपराधों के अलावा हमास के सात अक्टूबर, 2023 के कृत्यों की भी निंदा की। हमास ने इसी दिन इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमला किया था। इसके बाद से इजरायल हमास के सफाए के लिए गाजा में सैन्य अभियान चला रहा है।

गुटेरस ने द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए समर्थन दोहराया

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने सोमवार को यूएन मुख्यालय में सदस्य देशों को संबोधित किया और यह दोहराया कि फलस्तीनियों के लिए राष्ट्र का दर्जा एक अधिकार है, कोई पुरस्कार नहीं।

उन्होंने इजरायल-गाजा संघर्ष को सुलझाने के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान के प्रति अपना समर्थन दोहराया। उन्होंने कहा, ‘इजरायल-फलस्तीनी संघर्ष पीढि़यों से अनसुलझा रहा है। बातचीत से हल नहीं निकल पाया और प्रस्तावों का उल्लंघन किया गया।

उर्सुला ने कहा, गाजा का पुनर्निमाण जरूरी

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन ने यूएन महासभा में अपने संबोधन में द्वि-राष्ट्र समाधान के प्रति यूरोप की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

उन्होंने फलस्तीन का समर्थन करने और गाजा के पुनर्निमाण के लिए नई पहलों की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘हम फलस्तीन दाता समूह स्थापित करेंगे, क्योंकि भविष्य में कोई फलस्तीन राष्ट्र आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक होना चाहिए।’

फलस्तीन राष्ट्र को फ्रांस ने भी दी मान्यता

न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने की घोषणा की। इसके साथ ही फ्रांस उन करीब 150 देशों में शामिल हो गया, जो फलस्तीन को संप्रभु राष्ट्र मानते हैं।

रविवार को ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता दी थी। मैक्रों ने कहा कि इस तरह की मान्यता ही इजरायल के शांतिपूर्ण भविष्य का एकमात्र रास्ता है।

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