पटना, ब्यूरो : राजद की ऐतिहासिक हार के बाद पार्टी के भीतर उथल-पुथल मच गई है। लालू परिवार के अंदर की कलह अब सीधे परिवारिक विभाजन के रूप में सामने आ चुकी है। लालू यादव का परिवार, जो दो दशक से अधिक समय तक बिहार की राजनीति की धुरी रहा, आज अंदरूनी कलह और पारिवारिक लड़ाई से गुजर रहा है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ लिया है और राजनीति से सन्यास ले लिया है। इसके बाद अब बड़ा सवाल केवल यह नहीं रह गया कि परिवार टूटा, बल्कि यह है कि क्या राजद भी दो हिस्सों में बिखरने की ओर बढ़ रहा है?
रोहिणी ने राजनीति से लिया सन्यास
राजद के विभाजन को रोकने की जिम्मेदारी अब पूरी तरह लालू प्रसाद यादव पर निर्भर है। अगर वे परिवार में सामंजस्य स्थापित कर पाते हैं और संजय यादव के प्रभाव को संतुलित कर सकते हैं, तभी राजद अपने अस्तित्व और एकता को बचा पाएगी। अन्यथा, पार्टी का भविष्य एक गंभीर राजनीतिक संकट की ओर अग्रसर दिखाई दे रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि संजय यादव को लेकर सिर्फ परिवार के सदस्य ही नहीं राजद के कई नेता भी नाराजगी जाहीर कर चुके हैं।
चुनाव परिणामों के तत्काल बाद लालू यादव को किडनी देने वाली बेटी रोहिणी आचार्य ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने X पर एक पोस्ट साझा करते हुए राजनीति से सन्यास और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया। रोहिणी ने सीधे तौर पर कहा, “संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।” रोहिणी ने पहले सितंबर 2025 में तेजस्वी की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान संजय यादव को तेजस्वी के ठीक आगे की सीट पर बैठाने पर सार्वजनिक रूप से आपत्ति जताई थी। इसके बाद उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों को सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर दिया और कुछ समय के लिए सिंगापुर चली गईं।
