नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीट जीतकर पहली बार अपने बूते हरियाणा में सरकार बनाई थी। साल 2019 के चुनाव में उसे 40 सीट मिली थी। मोदी ने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में इस महाविजय के लिए हरियाणा की जनता को नमन करते हुए कहा कि यह विकास और सुशासन की राजनीति की जीत है। मैं यहां के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।
एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों को धता बताते हुए बीजेपी ने हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाई। जम्मू-कश्मीर के परिणामों ने भी सभी अनुमानों को धता बताते हुए केंद्र शासित प्रदेश में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को बड़ी जीत दिलाई। परिणाम आते ही फारूक अब्दुल्ला की तरफ से अपने बेटे उमर अब्दुल्ला को अगले मुख्यमंत्री के रूप में ऐलान भी कर दिया। भाजपा ने हरियाणा में 90 में से 48 सीटें जीतीं; बहुमत का आंकड़ा 46 है। कांग्रेस ने 37 सीटें जीतीं।
1966 में अपनी स्थापना के बाद से किसी भी पार्टी ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार जीत हासिल नहीं की है। कभी हरियाणा में ताकतवर रहे ओम प्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने दो सीटें जीतीं, जबकि दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने दो सीटें जीतीं। जिसने 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन किया, वह अपना खाता खोलने में विफल रही।