जगदलपुर , संवाददाता : छत्तीसगढ़ में भाकपा (माओवादी) संगठन का प्रमुख चेहरा पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ अभय उर्फ भूपति ने एक व्यक्तिगत पत्र जारी किया है, जिसमें उसने स्वीकार किया है कि माओवादी आंदोलन के तहत हथियार उठाना सबसे बड़ी गलती थी। इस पत्र में उसने जनता से माफी मांगी है। चार दशकों में यह पहली बार है, जब किसी शीर्ष माओवादी हिंसक ने खुलकर माफी मांगी है।
हथियार छोड़ने व शांति वार्ता की पेशकश
दो दिन पहले भूपति ने संगठन के आधिकारिक लेटरहेड पर प्रवक्ता अभय के नाम से पत्र जारी कर हथियार छोड़ने और शांति वार्ता की पेशकश की थी। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह पत्र माओवादी संगठन की कमजोरी और टूटन का संकेत है।
पत्र में भूपति ने स्पष्ट किया है कि पिछले 40 वर्षों का सशस्त्र संघर्ष आदिवासी क्षेत्रों को विकास और शांति से दूर ले गया है। हजारों निर्दोष ग्रामीण, महिलाएं और बच्चे ¨हसा का शिकार हुए हैं। उसने लिखा है कि कथित क्रांति की आड़ में जनता को केवल भय, निराशा और विनाश मिला। भूपति ने अन्य माओवादियों से अपील की है कि वे ¨हसक विचारधारा छोड़कर लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर अपने भविष्य की राह तलाशें।
भूपति की पत्नी कर चुकी है आत्मसमर्पण
69 वर्षीय भूपति तेलंगाना के करीमनगर जिले के पेद्दापल्ली का निवासी है। उसका बड़ा भाई किशनजी 2011 में मुठभेड़ में मारा गया था। भूपति की पत्नी तारक्का पिछले वर्ष महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आत्मसमर्पण कर चुकी है, जबकि उसकी भाभी सुजाता, जो एक करोड़ की इनामी थी, ने हाल ही में समर्पण किया है।
पांच लाख की इनामी महिला माओवादी ढेर
इस बीच, सुकमा जिले में एक मुठभेड़ में पांच लाख की इनामी महिला माओवादी बुस्की नुप्पो को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। बीजापुर जिले में बुधवार को मुठभेड़ में मारे गए दो माओवादी सात लाख रुपये के इनामी निकले। उनकी पहचान पांच लाख रुपये के इनामी रघु हपका व दो लाख के इनामी सुक्कु हेमला के रूप में हुई है।
दोनों पिछले दिनों जिले में हुई शिक्षादूतों की हत्या में शामिल थे। उधर, कांकेर में पुलिस ने वांछित माओवादियों के पोस्टर लगाए हैं, ताकि स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें पकड़ा जा सके।
माओवादी अभय की ओर से जारी दो पत्रों में से संगठनात्मक पत्र अधिक महत्व रखता है। इसकी प्रामाणिकता मिलने पर उचित निर्णय लिया जाएगा। यदि माओवादी हथियार डालना चाहते हैं तो लोगों की हत्याएं करना बंद करें और जंगलों में बिछाई आइईडी हटवाएं। – विजय शर्मा, गृहमंत्री, छत्तीसगढ़।