फर्रुखाबाद,संवाददाता : 24 वर्ष पूर्व हेड कांस्टेबल के साथ मारपीट करने मामले में पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत को दोषी करार देते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक साल छह माह (18 माह) की कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला तीन दिसंबर 2001 का है, जब शहर के त्रिपौलिया चौक पर तैनात हेड कांस्टेबल बृजेश कुमार ने उर्मिला राजपूत और उनके साथियों को सड़क पर गाड़ी तिरछी खड़ी करने से मना किया था। इस पर पूर्व विधायक उर्मिला ने गाली-गलौज और थप्पड़ों और घूंसों मारपीट की थी। सरकारी काम में बाधा डालने और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी से मारपीट के आरोप में मामला दर्ज हुआ था।
मामले की विवेचना पूरी कर पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से एपीओ जितेंद्र सिंह ने दलीलें पेश कीं। न्यायाधीश ज्ञानेन्द्र कुमार ने गवाहों और सबूतों के आधार पर उर्मिला राजपूत को दोषी ठहराया और एक साल छह महीने की सजा सुनाई। सजा के बाद पूर्व विधायक की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई, जिस पर अदालत ने 20-20 हजार रुपये के दो निजी बंधपत्र और उतनी ही राशि के प्रतिभूति पत्र दाखिल करने पर जमानत मंजूर कर ली।
पूर्व विधायक रही हैं विवादों में
उर्मिला राजपूत वर्ष 1991 और 1993 में भाजपा से कमालगंज विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई थीं। बाद में उन्होंने पार्टी छोड़कर सपा की सदस्यता ली और उसी सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। उनका नाम कई विवादों में आ चुका है। उन्हें भूमाफिया घोषित किया गया, उन पर वक्फ की करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जे और फर्जी वसीयत के आरोप लगे। पूर्व ऊर्जा मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में भी उनका नाम चर्चा में आया था।