नई दिल्ली, वर्ल्ड डेस्क : कंपनी के फाउंडर नाथन एडंरसन ने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी कंपनी को बंद करने का फैसला लिया है। एंडरसन ने सोशल मीडिया एप एक्स पर ये ऐलान किया है। उन्होंने लिखा कि हमारी योजना थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे हैं उन्हें पूरा करने के बाद कंपनी को बंद कर दिया जाए। वो दिन आज आ गया है।
631 डब्ल्यू 207वीं स्ट्रीट, न्यूयॉर्क सिटी, दिल्ली से करीब 12 हजार किलोमीटर का फासला है। लेकिन जनवरी 2023 में इसी पते से आई एक रिपोर्ट ने दिल्ली का राजनीति पारा बढ़ा दिया था, लेकिन अमेरिका में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के चार दिन पहले ही अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगा चुकी अमेरिका की शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की दुकान के बंद होने की खबर सामने आ गई। वो अब कोई भी रिपोर्ट नहीं जारी करेगी।
हिंडनबर्ग के फाउंडर ने क्या कहा
कंपनी के फाउंडर नैट एंडरसन ने कहा कि जैसा कि मैंने पिछले साल के अंत से ही अपने परिवार, दोस्तों और अपने दल के साथ यह जानकारी साझा की थी कि मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय लिया है। योजना मौजूदों विषयों पर जारी काम को पूरा करने के बाद इसे बंद करने की है। पोंजी मामलों पर काम हमने पूरा कर लिया है और इसे विनियामकों के साथ साझा कर रहे हैं।
पोस्ट में बताई बंद करने की वजह
इसे बंद क्यों हो जाना चाहिए? कोई खास वजह नहीं है..कोई खतरा नहीं, कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं और कोई व्यक्तिगत समस्या नहीं है। किसी ने एक बार मुझसे कहा था कि एक निश्चित बिंदु पर एक सफल करियर एक स्वार्थी कार्य बन जाता है। शुरू में मुझे लगा कि मुझे खुद को कुछ चीजें साबित करने की जरूरत है। अब मुझे खुद के लिए कुछ सुकून चाहिए। वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए गए एक साक्षात्कार में एंडरसन ने कहा कि वह अपने शौक पूरे करने, यात्रा करने और अपनी मंगेतर तथा उनके बच्चे के साथ समय बिताने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने भविष्य के लिए पर्याप्त धन जोड़ लिया है। वह अपने पैसे को कम तनाव वाले निवेशों में लगाने की योजना बना रहे हैं।
ट्रंप के शपथ से पहले बड़ा घटनाक्रम
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के चार साल के कार्यकाल का अंत हो रहा है और 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं। अमेरिका में सदन की न्यायिक समिति के सदस्य रीप लांस गुडेन के अमेरिकी न्याय मंत्रालय से उद्योगपति गौतम अडानी और उनके समूह की कंपनियों के खिलाफ बाइडन प्रशासन में चलाए गए चुनिंदा अभियोजन के संबंध में सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का अनुरोध करने के कुछ दिन बाद एंडरसन ने कंपनी को बंद करने की घोषणा की है।
16 कंपनियों को कर चुकी है टारगेट
बीते साल जनवरी में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ एक रिसर्च पेपर जारी किया था। जिसके बाद अडानी समूह को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। हिंडनबर्ग रिसर्च पेपर में अडानी समूह के अपने स्टॉक के प्राइसों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। 32 हजार शब्दों की रिपोर्ट में दावा किया गया कि ये समूह देशों से शेयरों की हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। हालांकि अडानी समूह ने इन रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था।
बता दें कि 2017 में नाथन एंडरसन के हाथों शुरू हुई हिंडनबर्ग रिसर्च एक फाइनैंशल रिसर्च फर्म है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स की एनालिसिस की उस्ताद मानी जाती है। यह शॉर्ट सेलिंग फर्म कंपनियों में गड़बड़ियों का पता गाने की फिराक में रहती है। यह ऐसी कपनियों के शेयरों में शॉर्ट सेलिंग का दांव लगाती है। शॉर्ट सेलिग से प्रॉफिट कमाने ले लोग दरअसल ऐसे शेयर बेचते है, जो असल में उनके नहीं होते। ये शेयर उधार पर लिए गए होते हैं।