चंडीगढ़, संवाददाता : अपनी 178 साल की विरासत में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि को चिह्नित करते हुए, 1847 में स्थापित एशिया के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज व भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने अपना दीक्षांत समारोह 2025 मनाया, जिसमें 2,614 छात्रों (2012 पुरुष एवं 602 महिला) को उपाधि प्रदान की गई।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आदरणीय डॉ. जितेंद्र सिंह, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), भू – विज्ञान मंत्रालय; प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय; राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग; राज्य मंत्री, अंतरिक्ष विभाग, उपस्थित रहे। उनके साथ शामिल होकर, प्रो. (डॉ.) निर्मलजीत सिंह कलसी, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व अध्यक्ष एनसीवीईटी, भारत सरकार, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंजाब, इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी ने की
अभिशासक परिषद के अध्यक्ष डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव, श्री पंकज अग्रवाल ने कार्यक्रम के दूसरे सत्र के दौरान हुए पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, निदेशक के.के.पंत, आईआईटी रुड़की ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संस्थान की उत्कृष्ट उपलब्धियों और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाया गया।
दीक्षांत समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए, प्रो. के.के. पंत ने क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 339 और लगातार चौथे वर्ष वास्तुकला एवं नियोजन में शीर्ष एनआईआरएफ रैंक के साथ आईआईटी रुड़की की वैश्विक प्रतिष्ठा एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। वर्ष के दौरान, संस्थान ने 146 पेटेंट दायर किए, अनुसंधान निधि में ₹399 करोड़ प्राप्त किए, व क्वांटम प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा एवं हाइड्रोजन, रक्षा, संसाधन प्रबंधन व स्थिरता में परियोजनाएँ शुरू कीं।
इस वर्ष एक प्रमुख उपलब्धि यह रही कि आईआईटी रुड़की को खान मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) के अंतर्गत उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के रूप में नामित किया गया। इस प्रकार, यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा, अर्धचालक, गतिशीलता, रक्षा एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास हेतु समर्पित प्रमुख संस्थानों के समूह में शामिल हो गया।
दीक्षांत समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा, “दीक्षांत समारोह उपलब्धि एवं आकांक्षा, दोनों का उत्सव है। आईआईटी रुड़की में, हमारा मिशन विश्वस्तरीय शिक्षा व अनुसंधान प्रदान करना है और यह सुनिश्चित करना है कि नवाचार, स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा से लेकर महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा एवं आपदा प्रतिरोधक क्षमता तक, देश की रणनीतिक प्राथमिकताओं को सीधे संबोधित करे। मुझे अपने स्नातकों पर बहुत गर्व है, जो उत्कृष्टता की इस विरासत को आगे बढ़ाएँगे और 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएँगे।”
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “देश भर में 1.7 लाख स्टार्टअप्स में से लगभग 240 स्टार्टअप्स के साथ, आईआईटी रुड़की भारत के स्टार्टअप आंदोलन में एक बड़ा योगदान दे रहा है। आपके नौ उत्कृष्टता केंद्र, आपदा जोखिम, लचीलापन एवं स्थिरता के क्षेत्…
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने स्नातकों को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, “सच्ची आत्मनिर्भरता दूसरों के औज़ारों को इकट्ठा करने से नहीं, बल्कि दुनिया का नेतृत्व करने वाले अपने स्वयं के नवाचारों को बनाने से आएगी। आज की दुनिया में, तकनीक, राष्ट्रीय शक्ति का एक रणनीतिक स्तंभ बन गई है। हमारे सामने चुनौती केवल ‘भारत में निर्माण’ की ही नहीं, बल्कि भारत में आविष्कार, डिज़ाइन एवं भारत से नेतृत्व करने की है। आप, आज के युवा नवप्रवर्तक, विकसित भारत 2047 के निर्माता हैं।”
आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह ने न केवल अपने स्नातकों की उपलब्धियों का उत्सव मनाया, बल्कि शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार को आगे बढ़ाने के प्रति संस्थान के समर्पण को भी पुष्ट किया। विविधता, स्थिरता और अत्याधुनिक अनुसंधान पर अपने दृढ़ संकल्प के साथ, आईआईटी रुड़की वैश्विक शैक्षणिक एवं तकनीकी परिदृश्य में प्रेरणा व नेतृत्व प्रदान करता रहा है। जैसे-जैसे स्नातक अपनी नई यात्रा पर निकल रहे हैं, वे अपने साथ आईआईटी रुड़की की उत्कृष्टता की विरासत लेकर चल रहे हैं, समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने और भविष्य की प्रगति को गति देने के लिए तैयार हैं।
शिक्षक दिवस पर संकाय सदस्यों को सम्मानित किया
शिक्षक दिवस 2025 पर, आईआईटी रुड़की ने अपने संकाय सदस्यों को शिक्षण एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया। प्रोफ़ेसर स्पर्श मित्तल (ईसीई), प्रोफ़ेसर ए. स्वामीनाथन (गणित), एवं प्रोफ़ेसर जितिन सिंगला (जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी) को उत्कृष्ट शिक्षण पुरस्कार (स्नातक श्रेणी) प्रदान किया गया, जबकि प्रोफ़ेसर कीर्तिराज के. गायकवाड़ (कागज़ प्रौद्योगिकी) एवं प्रोफ़ेसर कृतिका कोठारी (डब्ल्यूआरडीएम) को स्नातकोत्तर श्रेणी में सम्मानित किया गया।
प्रोफ़ेसर प्रवीण कुमार (जानपद अभियांत्रिकी) को आजीवन शिक्षण उपलब्धि पुरस्कार, प्रोफ़ेसर राम कृष्ण पांडे (गणित) को प्रोफ़ेसर बाल कृष्ण उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार एवं प्रोफ़ेसर गोपीनाथ पैकिरिसामी (जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी) को उत्कृष्ट शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए रामकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इन सम्मानों ने छात्रों की पीढ़ियों को आकार देने में आईआईटी रुड़की के संकाय की अमूल्य भूमिका को उजागर किया एवं संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं मार्गदर्शन की स्थायी संस्कृति की पुष्टि की।