नई दिल्ली , डिजिटल डेस्क : pakistan news :संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ ने पाकिस्तान सरकार से अगस्त, 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में कई मामलों में बंद 73 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ‘अमानवीय और अपमानजनक हिरासत स्थितियों’ की रिपोर्टों पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिवेदक एलिस जिल एडवर्ड्स ने कहा कि लंबे समय तक या अनिश्चितकालीन एकांत कारावास अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत निषिद्ध है, और जब यह 15 दिनों से अधिक समय तक चलता है तो यह मनोवैज्ञानिक यातना का एक रूप है।
‘इमरान की एकांत कारावास को तुरंत खत्म करना चाहिए’
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निकाय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, एडवर्ड्स ने कहा, ‘मैं पाकिस्तानी अधिकारियों से आग्रह करती हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि इमरान की हिरासत की शर्तें अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और मानकों के पूरी तरह अनुरूप हों। इमरान की एकांत कारावास की सजा को बिना किसी देरी के समाप्त किया जाना चाहिए। यह न केवल गैरकानूनी उपाय है, बल्कि लंबे समय तक एकांतवास से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं।’
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान को उस एकांत कोठरी से बाहर निकलने या अन्य बंदियों से मिलने की भी अनुमति नहीं है। वह अन्य लोगों के साथ नमाज अदा करने में भी शामिल नहीं हो सकते। आरोप यह भी है कि वकीलों, परिवार के सदस्यों और अदालतों द्वारा अधिकृत अन्य लोगों को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है।
मोहम्मद शोएब अफरीदी ने क्या आरोप लगाया ?
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री मोहम्मद शोएब अफरीदी ने आरोप लगाया कि इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के साथ जेल में दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उनकी यह टिप्पणी तब आई जब गुरुवार को अदियाला जेल प्रशासन ने उन्हें दसवीं बार इमरान से मिलने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया।
पीटीआई ने किया 23 सदस्यीय नई राजनीतिक समिति का गठन
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने 23 सदस्यीय पुनर्गठित राजनीतिक समिति की घोषणा की है और एक औपचारिक अधिसूचना जारी की है जिसमें विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर को इससे बाहर रखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने पार्टी महासचिव सलमान अकरम राजा को एक नई राजनीतिक समिति गठित करने का निर्देश दिया था।
