आगरा, संवाददाता : उत्तर प्रदेश के आगरा में कोर्ट के आदेश पर थाना जगदीशपुरा में थाना सिकंदरा के तत्कालीन इंस्पेक्टर उत्तम चंद पटेल, चौकी प्रभारी राहुल कटियार, सिपाही सर्वेश कुमार, पश्चिमपुरी चौकी के तत्कालीन पांच पुलिसकर्मी सहित नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिसकर्मियों पर डकैती, षड्यंत्र, धोखाधड़ी, कूटरचना, जान से मारने की धमकी और साक्ष्य छिपाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
मुकदमे के लिए सेक्टर-8 निवासी मुनेश कुमारी के प्रार्थनापत्र पर कोर्ट ने आदेश दिए। मामला 16 अप्रैल 2023 का है। एक महिला की ओर से मुनेश कुमारी के बेटे पारस के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे में दरोगा सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने दबिश दी थी।
आरोप है कि पुलिसकर्मी पारस को अंतर्वस्त्रों में पकड़कर ले गए। इस दौरान घर की अलमारी से दो मोबाइल, एक लैपटॉप दो हजार रुपये ले गए। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। प्रकरण की विवेचना सिकंदरा के इंस्पेक्टर उत्तमचंद पटेल को सौंपी गई थी।
बताया गया कि तथ्यों को छिपाते हुए घर से गिरफ्तार पुत्र की अछनेरा के एक गांव के पास से गिरफ्तारी दिखा दी। पुलिस कार्रवाई की शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर भी की गई थी। मगर, कुछ नहीं हुआ। हेड कांस्टेबल सर्वेश यादव ने मामला रफादफा करने के नाम पर पति से 30 हजार रुपये मांगे थे।
बेटा दो बार करा चुका जमानत
मुनेश कुमारी के प्रार्थनापत्र कहा गया था कि उनके पुत्र पारस राजपूत के खिलाफ एक महिला ने चार जनवरी, 2023 को घर में घुसकर मारपीट व छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। बेटे ने मुकदमे में जमानत करा ली थी। आरोप है कि महिला ने दरोगा राहुल कटियार, हेड कांस्टेबल सर्वेश यादव, महिला कांस्टेबल व अन्य चार-पांच सिपाहियों के साथ मिलकर एक और मुकदमा दर्ज करा दिया। इस बार भी बेटे ने जमानत कराई।
मुनेश कुमारी ने लिखा कि उनके पुत्र पारस ने मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला के पिता को दो लाख रुपये वर्ष 2016 में ऑटो खरीदने के लिए दिए थे। उन्होंने एक चेक दिया था। चेक बैंक में बाउंस हो गया। इसका केस न्यायालय में विचाराधीन है। इस पर महिला उन पर केस वापस लेने का दबाव बना रही थी। मगर, वो तैयार नहीं हुए। इसलिए साजिश की। महिला ने जिस दिन की घटना दिखाई थी, उस दिन पारस इलाहाबाद में था।