कानपुर, संवाददाता : जाजमऊ आगजनी प्रकरण में सजा मिलने के बाद पहली बार सपा विधायक इरफान सोलंकी को महाराजगंज जेल से कड़ी सुरक्षा में कानपुर कोर्ट लाये गए। नसीम आरिफ द्वारा जाजमऊ थाने में दर्ज कराए गए रंगदारी के प्रकरण में बुधवार को एमपीएमएलए लोअर कोर्ट में आरोप तय किए जाने हैं।
जाजमऊ में डिफेंस कॉलोनी में गरीब महिला के प्लाट पर आगजनी के बादविधायक इरफान व उनके भाई रिजवान के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराये गए थे। जिनमे से एक मुकदमा नसीम आरिफ ने जाजमऊ थाने में दर्ज कराया था जिसमें इरफान, रिजवान व उनके साथियों पर जमीन कब्जा करने और रंगदारी मांगने का आरोप था।
इस प्रकरण में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है लेकिन अब तक कोर्ट में आरोप तय नहीं हो सके थे। इसी बीच जाजमऊ आगजनी प्रकरण में पिछले 7 जून को एमपीएमएलए सेशन कोर्ट ने इरफान को 7 वर्ष की कैद की सजा सुना दी थी। सजा पर सुनवाई के दौरान भी इरफान कोर्ट में मौजूद नहीं थे।
इरफान से मिलने परिवार के लोग भी गए
सुरक्षा कारणों से इरफ़ान को कोर्ट नहीं लाया गया था। 27 मई को इरफान को अदालत में पेशी के लिए कानपुर लाया गया था। जिसके बाद से वह कानपुर नहीं आए। लगभग दो महीने के बाद बुधवार को इरफान को दोबारा अदालत लाया गया है। जहां नसीम आरिफ द्वारा दर्ज कराए गए रंगदारी के मुकदमे में अदालत आरोप तय करेगी। व्ही इस दौरान इरफान से मिलने परिवार के लोग भी मिलने पहुंचे।