ISI की लगाई आग में जल रहा बांग्लादेश

Bangladesh-Violence

नई दिल्ली,डिजिटल डेस्क :BANGLADESH NEWS : बीते एक साल से सुलग रहे बांग्लादेश में आम चुनाव के ऐलान के बाद से हिंसा का दौर तेज हो गया है। ये अनायास नहीं है। इसके पीछे सोची समझी साजिश काम कर रही है। पिछले दिनों छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या के बाद ईशनिंदा के आरोप में हिंदू व्यक्ति की हत्या और भड़की हिंसा ये दिखाती है कि देश को सांप्रदायिकता की आग में झुलसाने की कोशिश की जा रही है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, सारी उथल पुथल के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की ढाका सेल की खुराफात काम कर रही है। आईएसआई के निशाने पर दो चुनाव हैं। एक, बांग्लादेश में फरवरी में प्रस्तावित है, जबकि दूसरा, बंगाल में मार्च-अप्रैल में संभावित है। बांग्लादेश में हिंसा फैलाकर बंगाल और पूर्वोत्तर में आतंकियों की घुसपैठ कराई जा सकती है।

आईएसआई के निशाने पर भारत

आईएसआई का मुख्य निशाना भारत है, जबकि बांग्लादेश उसके नापाक मंसूबों का माध्यम है। ढाका सेल को बांग्लादेश स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के भीतर इसी साल अक्टूबर में तैयार किया गया है। इसका मुख्य लक्ष्य बांग्लादेश में आतंकवादियों और कट्टरपंथियों की नई जमात तैयार करना है।

भारतीय खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के सूत्रों का कहना है कि ढाका सेल कोई सामान्य इकाई नहीं है। ढाका दौरे पर पहुंचे पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख जनरल साहिर शमशाद मिर्जा की पहल पर इस सेल को खड़ा किया गया है। ढाका सेल में पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेडियर, कर्नल और चार मेजर रैंक के अधिकारी शामिल हैं।

इसके अलावा पाकिस्तान वायु सेना और नौसेना के भी अधिकारी गंभीर भूमिका में हैं। भारतीय एजेंसियों का मानना है कि बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा के पीछे ढाका सेल का ही हाथ है। अपने गठन के बाद से ही ढाका सेल बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाने की फिराक में जुट गई थी। हिंसा फैलाने के लिए वह उचित मौके का इंतजार कर रही थी और जब देश में ये ऐलान हुआ कि फरवरी 2026 में आम चुनाव कराए जाएंगे, तभी से उकसावे की कार्रवाई शुरू हो गई थी।

ढाका सेल का मिशन 1971

आईएसआई बांग्लादेश में 1971 के पहले का दौर वापस लाना चाह रही है। मोहम्मद यूनुस और जमात ए इस्लामी के साथ मिलकर वह ऐसा कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान को जिस तरह का अपमान झेलना पड़ा था, वह उससे उबर नहीं पाया है। इस युद्ध में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और नए देश के रूप में बांग्लादेश का जन्म हुआ था।

पिछले साल अगस्त में आईएसआई ने ही छात्र आंदोलन को हवा दी थी। अधिकारियों के मुताबिक, आईएसआई चाहती है कि बांग्लादेश चुनाव में जमात को जीत मिले तभी उसके नापाक मंसूबे पूरे हो सकते हैं। लेकिन अगर जमात के जीतने की गुंजाइश नजर न आए तो किसी न किसी तरीके से चुनावों में देर कराई जाए।

बांग्लादेश में हिंसा फैलाकर आईएसआई भारत विरोधी बड़े मकसद में कामयाब होना चाहती है। आईएसआई को लगता है कि इससे बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में घुसपैठ कराकर मजबूत आतंकी सेल तैयार किया जा सकता है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आनेवाले दिनों में बांग्लादेश में हिंसा के कई दौर देखने को मिल सकते हैं।

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World