ISIS के हमले में दो अमेरिकी सैनिकों समेत 3 की मौत, ट्रंप ने दी चेतावनी

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नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : इस्लामिक स्टेट के खिलाफ ऑपरेशन का हिस्सा रहे दो अमेरिकी सैनिकों समेत तीन लोगों की मौत के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त रुख अपनाया है। अमेरिकी सैनिकों की सीरिया में आतंकी हमले के दौरान जान चली गई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि बहुत गंभीर बदला लिया जाएगा।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा कि शनिवार को हुए हमले में तीन सैनिक घायल भी हुए। उन्होंने लिखा, “हम सीरिया में तीन अमेरिकी देशभक्तों की मौत पर दुख जताते हैं, जिनमें दो सैनिक और एक सिविलियन इंटरप्रेटर शामिल हैं। इसी तरह, हम तीन घायल सैनिकों के लिए प्रार्थना करते हैं, जिनके बारे में अभी पुष्टि हुई है कि वे ठीक हैं। यह अमेरिका और सीरिया पर आईएसआईएस का हमला था। यह सीरिया के एक बहुत खतरनाक हिस्से में हुआ, जो पूरी तरह से उनकी सरकार के कंट्रोल में नहीं है। सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा इस हमले से बहुत गुस्से में और परेशान हैं। इसका बहुत गंभीर बदला लिया जाएगा।”

अमेरिका ने पलमायरा में खतरे की चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया

दरअसल, आतंकी संगठनों और गृह युद्ध से ग्रस्त इस अशांत क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों पर हमला पिछले साल दिसंबर में बशर अल-असद के सत्ता से बेदखल होने के बाद सरकार में आई अहमद अल-शरा के साथ अमेरिकी सहयोग के लिए कड़ी चुनौती है। यह सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा की सरकार के लिए भी एक परीक्षा है, क्योंकि एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, कथित हमलावर दमिश्क सरकार की सेनाओं का सदस्य था। ट्रंप ने भी स्वीकार किया कि यह क्षेत्र पूरी तरह दमिश्क के नियंत्रण में नहीं है।

सीरियाई सरकारी समाचार एजेंसी सना के अनुसार, सरकारी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका ने पलमायरा में खतरे की चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया, जहां यह हमला हुआ। उन्होंने कहा कि हमलावर को ‘निष्प्रभावी’ कर दिया गया है।

अल-असद को सत्ता से हटाए जाने के बाद सीरिया में ये पहली मौतें थीं। पीड़ित अमेरिकी ऑपरेशन इन्हेरेंट रिजॉल्व (ओआईआर) के सदस्य थे, जो औपचारिक रूप से इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड ऐश-शाम (आईएसआईएस) के नाम से जाने जाने वाले आतंकवादी संगठन के खिलाफ था।

पेंटागन प्रवक्ता शॉन पार्नेल ने अमेरिकी मिशन को चल रहे ‘आईएसआईएस व आतंकवाद विरोधी अभियानों का समर्थन’ बताया। उन्होंने कहा कि हमला तब हुआ जब सैनिक एक प्रमुख नेता के साथ बातचीत कर रहे थे।

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में सीरियाई सरकारी प्रवक्ता नूरुद्दीन अल-बाबा के हवाले से कहा गया कि अमेरिकी सैनिकों पर गोली चलाने वाला आतंकवादी सीरियाई सरकारी सेनाओं का सदस्य था। लेकिन सना की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि हमलावर आंतरिक सुरक्षा में कोई नेतृत्व भूमिका नहीं निभाता था और वह आंतरिक सुरक्षा कमांडर का एस्कॉर्ट नहीं था।

हालांकि, हमलावर पहले से ही इस बात की जांच के दायरे में था कि उसकी विचारधारा “चरमपंथी’ थी या नहीं। आज रविवार को इस जांच पर फैसला भी आने की उम्मीद थी।

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