इजरायल-गाजा संघर्ष की आग की लपटें बांग्लादेश तक पहुंची

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नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : इजरायल-गाजा संघर्ष की आग की लपटें बांग्लादेश तक पहुंच रही है। गाजा में फिलिस्तीनियों पर हो रही गोलीबारी के विरोध में बांग्लादेश में ढाका सहित कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान, गुस्साई भीड़ ने कथित तौर पर उन व्यवसायों को निशाना बनाया है, जिन्हें इजरायल से जुड़ा माना जाता है।

प्रदर्शनकारियों ने खास तौर पर केएफसी और पिज्जा हट जैसी अंतरराष्ट्रीय चेन के फूड कॉर्नर में तोड़फोड़ की। सोमवार से ही सोशल मीडिया पर तोड़फोड़ के वीडियो वायरल हो रहे हैं।

बाटा शोरूम पर भी किया गया हमला

दिलचस्प बात यह है कि प्रदर्शनकारियों ने फुटवियर ब्रांड बाटा के शोरूम पर भी हमला किया , जबकि कंपनी का इजरायल से कोई संबंध नहीं है। इस बर्बरता को दिखाने वाला एक वीडियो एक्स अकाउंट बांग्लादेशी हिंदू कम्युनिटी द्वारा साझा किया गया।

घटना के जवाब में बाटा ने सार्वजनिक रूप से हमलों की निंदा की है और अपनी स्थिति स्पष्ट की है। ढाका ट्रिब्यून में प्रकाशित एक बयान के अनुसार, कंपनी ने कहा: “हम गलत दावों से अवगत हैं जो यह सुझाव देते हैं कि बाटा एक इजराइली स्वामित्व वाली कंपनी है या चल रहे इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में राजनीतिक संबद्धता रखती है।

बाटा वैश्विक स्तर पर एक निजी स्वामित्व वाली, परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी है, जिसकी स्थापना चेक गणराज्य में हुई है, जिसका संघर्ष से कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। यह बेहद खेदजनक है कि बांग्लादेश में हमारे कुछ खुदरा स्थानों पर हाल ही में बर्बरता की गई है, जो जाहिर तौर पर इन झूठी कहानियों से प्रेरित है।”

मोहम्मद यूनुस ने इजरायल के कार्रवाई पर जताई चिंता

गाजा में मानवीय संकट के कारण बांग्लादेश में बढ़ते जनाक्रोश के बीच ये विरोध प्रदर्शन हुए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक्स पर एक बयान में इजरायल की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा: “बांग्लादेश सरकार गाजा पट्टी में इजरायली कब्जे वाली सेना द्वारा लगातार सामूहिक हत्या और मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन की कड़ी निंदा करती है।”

मोहम्मद यूनुस ने आगे कहा,”पिछले महीने युद्ध विराम के एकतरफा उल्लंघन के बाद से इजरायल के लगातार सैन्य हमलों में कई फिलिस्तीनी मारे गए हैं – जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं – और गाजा में मानवीय सहायता के प्रवेश को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे मानवीय तबाही हुई है।

जाहिर है, इजरायल ने बार-बार की गई अंतरराष्ट्रीय अपीलों पर कोई ध्यान नहीं दिया है और इसके बजाय तेजी से बढ़ती हत्याओं की होड़ में लगा हुआ है।

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