इंदौर, संवाददाता : iondore news: देश-विदेश में ख्यात खजराना गणेश मंदिर में तिल चतुर्थी से पहले वर्ष 2025 की अंतिम दानपेटियों की गिनती जारी है। तीन दिन में बुधवार तक मुख्य दानपेटियों से एक करोड़ 37 लाख की राशि निकली है। इसमें 34 लाख रुपये बुधवार को निकले हैं। इसमें विदेशी मुद्रा के साथ भगवान के लिए चांदी के आभूषण भी हैं। साथ ही विदेशी मुद्रा के साथ चलन से बाहर हुई मुद्रा भी है।
दानपेटियों की गणना सोमवार से शुरू हुई थी। कैमरे की निगरानी में सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिनती की जा रही है। अनुमान जताया जा रहा है कि यह अगले पांच दिन जारी रहेगी। चार माह पहले एक अगस्त को दस दिन चली गिनती में एक करोड़ 68 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई थी। हर साल तीन बार दानपेटियों की गिनती की जाती है।
गिनती ट्रेजर अधिकारी और नगर निगम के कर्मचारियों के साथ बैंक के कर्मचारी रहे हैं। इसमें विदेशी मुद्रा के साथ निकले पत्रों में भक्तों ने आराध्य से मन की बात भी लिखी है। प्राप्त राशि को मंदिर के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच जमा कराया गया।
मंदिर परिसर में 43 दानपेटियां अलग-अलग स्थानों पर लगाई गई हैं। इसमें से मुख्य स्थानों पर रखी गई दानपेटियों की गिनती का क्रम जारी है। प्रबंध समिति के मैनेजर घनश्याम शुक्ला के अनुसार गिनती कैमरों की निगरानी में प्रबंध समिति के कार्यालय में की जा रही है। गिनती के बाद दानपेटियों को पुन: उनके निर्धारित स्थान पर रखा जा रहा है।
बेटे के लिए चाहिए सुंदर-संस्कारी बहू
हर बार भक्त भगवान से पत्र लिखकर अपने मन की बात कहते हैं। इस बार भी दान पत्रों से कुछ ऐसी बातें लिखी गई हैं। इसमें एक पत्र में माता ने अपने बेंगलुरु में कार्यरत बेटे के लिए संस्कारी-सुंदर बहू के लिए प्रार्थना की है। इसमें उन्हें विवाह तय होने पर तिल चतुर्थी पर तिल के लड्डू का भोग लगाने की बात कही है। इसी तरह अन्य पत्र में नौकरी के साथ पारिवारिक विवाद दूर करने की बातें कही गई हैं।
नववर्ष और तिल चतुर्थी पर खास होगी दर्शन व्यवस्था
खजराना गणेश मंदिर में नववर्ष और तिल चतुर्थी पर दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। वर्ष के अंतिम दिन 31 दिसंबर को रात 11 बजे तक दर्शन होंगे। वर्ष 2026 के पहले दिन तड़के चार बजे से दर्शन शुरू हो जाएंगे। तिल चतुर्थी मेला छह जनवरी से शुरू होगा। इसमें भगवान को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा। इस अवसर पर भीड़ प्रबंधन के लिए बैरिकेडिंग और पुलिस बल की तैनाती रहेगी। चलित दर्शन चार-चार की कतार में होंगे।
